स्वास्थ्य कर्मियों के हक में फैसला
स्वतंत्रदेश , लखनऊ:इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने प्रदेश में कार्यरत स्वास्थ्य कर्मियों (महिला और पुरुष) के वेतन मामले में अहम फैसला सुनाया है। न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह की एकल पीठ ने कहा कि राज्य सरकार तैनाती तिथि के आधार पर समान स्वास्थ्य कर्मियों के वेतन में विभेद नहीं कर सकती है। राज्य सरकार याचिका दायर करने वाले स्वास्थ्य कर्मियों को 2,800 रुपये का समान ग्रेड पे प्रदान करे। कोर्ट ने यह आदेश कमल दीप निराला समेत 11 स्वास्थ्य कर्मियों की याचिका मंजूर करते हुए दिया।
याचियों के वकील संजय मिश्र का कहना था कि एक दिसंबर 2011 के पहले और इसके बाद नियुक्त स्वास्थ्य कर्मियों को 5200-20,200 रुपये का वेतनमान समान दिया जा रहा है। सिर्फ उनके ग्रेड पे के निर्धारण में अंतर किया गया है। याचियों को 2,000 रुपये का ग्रेड पे दिया जा रहा है। जबकि एक दिसंबर 2011 तक के बाद नियुक्त स्वास्थ्य कर्मियों को 2,800 रुपये का ग्रेड पे दिया जा रहा है। ऐसे में उनकी नियुक्ति की तिथि के आधार पर किया जा रहा यह अंतर संविधान के समानता के अधिकार के तहत अनुचित है। लिहाजा याचिकाकर्ता भी 2,800 रुपये का ग्रेड पे पाने के हकदार हैं।
कोर्ट ने पूछा सरकारी वकील से सवाल, नहीं मिला जवाब
वहीं, सरकारी वकील ने कहा कि ग्रेड पे में यह अंतर 19 दिसंबर 2011 के शासनादेश के तहत है। जब कोर्ट ने यह अंतर करने का कारण पूछा तो सरकारी वकील ने कहा कि शासनादेश में इसका कोई कारण नहीं दिया गया है।