अब Lung Fibrosis का खतरा
स्वतंत्रदेश ,लखनऊ : होम आइसोलेशन या अस्पताल में रह कर कोरोना को मात देने वाले अब स्वास्थ्य संबंधी दूसरी दिक्कतों का सामना कर रहे हैं। ऐसे लोगों में लंग फाइब्रोसिस का खतरा बढ़ गया है। यह लोग चेस्ट इंफेक्शन की समस्या संग डाक्टरों के यहां पहुंच रहे हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक महामारी के दौर में बुखार आने पर कोरोना जांच में देर होना इसकी प्रमुख वजह है।
होम आइसोलेशन वाले 10 फीसद व अस्पताल में इलाज कराने वाले 30 फीसद मरीजों में यह समस्या देखने को मिल रही है। इसे अपने हाल पर छोड़ देने पर ठीक होने में लंबा वक्त लग सकता है। इससे स्वास्थ्य को काफी नुकसान भी पहुंच सकता है। बीएचयू अस्पताल के पूर्व टीबी एंड चेस्ट रोग विशेषज्ञ प्रो. एसके अग्रवाल के मुताबिक 2003 में सार्स कोरोना वायरस के प्रकोप के समय भी लंग फाइब्रोसिस के मामले सामने आए थे, जो 25 से 30 फीसद रहे। दरअसल, महामारी के दौर में बुखार आने पर कई बार लोग इसे सामान्य बुखार समझ लेते हैं और जांच कराने में देर कर जाते हैं। इस अवधि में कोरोना वायरस फेफड़े को काफी नुकसान पहुंचा चुका होता है। कोरेाना से ठीक होने के बाद भी ऐसे मरीजों को लंग फाइब्रोसिस से जूझना पड़ता है, जसिका प्रमुख लक्षण पैदल चलने पर सांसों का फूलना है। इसलिए दो से तीन दनि तक बुखार रहने पर कोविड-19 जांच जरूर करा लें। जल्द पुष्टि होने पर इलाज भी तत्काल शुरू हो जाता है। इससे फेफड़े को अधिक नुकसान नहीं पहुंच पाता है।
