गोमती नदी में घटा पानी,जल संकट के आसार
स्वतंत्रदेश,लखनऊ:गऊघाट पम्पिंग स्टेशन के पास गोमती नदी के जलस्तर में डेढ़ फीट की गिरावट आ गई है। इससे पेयजल आपूर्ति के लिए पर्याप्त नहीं मिल पा रहा है। पानी का लेवल ठीक रखने के लिए जुगाड़ तंत्र चल रहा है और बोरियां लगाई जा रही है। उधर, गोमती बैराज के दो गेटों में लीकेज होने से पानी का रिसाव हो रहा है, जिससे भी गऊघाट पर पानी कम हो रहा है। अगर नहरों से पानी नहीं छोड़ा गया तो शहर के कई इलाकों में पानी का संकट गहरा सकता है।गोमती नदी से हर दिन जलकल महकमा 250 एमएलडी (मिलीयन लीटर डेली) कच्चा पानी लेता है। यह पानी गऊघाट पम्पिंग स्टेशन पर लिया जाता है और फिर उसे ऐशबाग और बालागंज जलकल को भेजा जाता है, जहां से शोधन करने के बाद उसे विभिन्न इलाकों में आपूर्ति किया जाता है। सामान्य स्थिति में गोमती नदी का जलस्तर 346.8 फीट होना चाहिए, लेकिन 344.5 फीट हो गया है। जलकल के महाप्रबंधक राम कैलाश ने मुख्य अभियंता (शारदा) सिंचाई को पत्र लिखकर महदोईया और अटरिया स्केप से शारदा नहर का पानी छोडऩे को पत्र लिखा था।
इसमे 15 मई से गऊघाट पम्पिंग स्टेशन के पास गोमती नदी का जल स्तर गिरने से जुड़ी रिपोर्ट है। पत्र में कहा गया कि 18 मई को सुबह 344.5 फीट पानी था, जो न्यूनतम से काफी कम हो गया है। इससे लखनऊ की पेयजल आपूर्ति प्रभावित हो सकती है। पत्र में नहरों का पानी तत्काल छुड़वाने को कहा गया है। शुक्रवार को गऊघाट पम्पिंग स्टेशन के पास बोरियां लगाकर पानी को रोका गया है, जिससे कुछ पानी तो बढ़ा है लेकिन अभी सामान्य स्थिति नहीं हो पाई है। अगर एक दो दिन में नहरों का पानी गोमती नदी में नहीं पहुंचा तो पानी का संकट गहरा सकता है और फरवरी की तरह पेयजल आपूर्ति में कटौती हो सकती है।