उत्तर प्रदेशराज्य

ट्रैफिक जाम, बिगाड़ रहा काम

स्वतंत्रदेश,लखनऊ:प्रदेश की सड़कों पर सफर करने वाले मुसाफिर अक्सर ये बात करते देखे जा सकते हैं। अन्य प्रदेशों से आने वाले यात्रियों के लिए यह बड़ी परेशानी है, क्योंकि वे इसके आदी नहीं होते और सुगम यातायात उनकी नैसर्गिक चाहत होती है। उत्तर प्रदेश की सड़कों पर यातायात जाम रोड की कम चौड़ाई या खराब हालत के कारण नहीं है। इसकी दो प्रमुख वजह हैं। पहला-आगे और जल्दी पहुंचने की होड़। अतिक्रमण बड़े वाहनों से लेकर ठेलों तक का है।

कई बड़े शहर भी बेहतर यातायात प्लान की कमी से जूझते दिखाई देते हैं। 

कई मार्गो पर तो अस्थायी गुमटियां तक दिखाई देती हैं। इन्हें यात्रियों की परेशानियों से कोई साबका नहीं रहता। ऐसा लगता है कि ये संवेदनशून्य हो चुके हैं। जाम देखने के आदी हो चुके हैं। राजधानी लखनऊ में खासतौर पर दफ्तर के समय सड़क पर जाम लगना आम है। जाम लगने के चक्कर में अक्सर लोगों की ट्रेने छूट जाती है तो कोई वायुयान नहीं पकड़ पाता। राजधानी होने के कारण वहां होने वाले प्रदर्शन और रैली के कारण भी जाम लगने की समस्या आम है।

कई वाहन चालक इन नियमों को तोड़ते हैं तो वहीं यातायात विभाग भी आंख मूंद लेता है। आवश्यकता है कि वाहन चालक, राहगीर भी अपनी जिम्मेदारी को बखूबी समङों। सिस्टम भी सड़कों पर उतरे और नियमों का पालन करने वाले लोगों की परेशानी को समङो। सुचारु यातायात के लिए बेहतर प्लान बने। ऐसे शहरों का अनुकरण किया जाए, जहां यातायात प्रबंधन पर उम्दा काम हो रहा है। इसे वाहन चालकों की आदत में लाया जाए, तभी उत्तर प्रदेश की सड़कें जाम से मुक्त होंगी और मुसाफिर अपना सफर आराम से तय कर सकेंगे।

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