अदाणी समूह की कंपनियों से वित्तीय व तकनीकी जानकारी तलब
स्वतंत्रदेश लखनऊ:उत्तर प्रदेश में बिजली निजीकरण के मामले में विद्युत नियामक आयोग ने अदाणी समूह की कंपनियों से वित्तीय व तकनीकी जानकारी तलब की है। इसके लिए दो सप्ताह का समय दिया गया है। वहीं, उपभोक्ता परिषद को भी सुनवाई में शामिल होने की मंजूरी दे दी है।गाजियाबाद म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन क्षेत्र और गौतमबुद्धनगर में अदाणी इलेक्ट्रिसिटी जेवर और अदाणी ट्रांसमिशन लि. ने समानांतर विद्युत वितरण लाइसेंस मांगा है। इसके लिए कंपनी ने विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 14 व 15 के तहत विद्युत नियामक आयोग में याचिका दाखिल की है। इस पर 24 अप्रैल को सुनवाई के बाद आयोग ने फैसला सुरक्षित कर लिया था। आयोग के अध्यक्ष आरपी सिंह और सदस्य वीके श्रीवास्तव व संजय कुमार सिंह ने सोमवार को यह आदेश दिया।
आयोग ने दोनों कंपनियों को दो सप्ताह में जवाब देने को कहा है। इसके बाद मामले में नए सिरे से सुनवाई होगी। आयोग ने कहा है कि भारत सरकार के विद्युत वितरण लाइसेंसी कैपिटल एडवोकोसी रिक्वायरमेंट रूल 2005 में वितरण लाइसेंस लेने वाली कंपनी की वित्तीय स्थिति के संबंध में व्यवस्था दी गई है। इसके तहत कंपनी जितना खर्च करेगी, उसका 30 फीसदी मूल संपत्ति होनी चाहिए। ऐसे में अदाणी ट्रांसमिशन लि. की शुद्ध संपत्ति देखी जाएगी। उसकी सहयोगी कंपनी की शुद्ध संपत्ति नहीं देखी जाएगी।अदाणी ट्रांसमिशन लि. ने समानांतर लाइसेंस मिलने के बाद 4,865 करोड़ रुपये वितरण नेटवर्क पर खर्च करने की बात कही है। उसकी बैलेंस शीट में इंडियन अकाउंटिंग स्टैंडर्ड के तहत कुल संपत्ति 12,666.37 करोड़ रुपये और देनदारी 8,689.56 करोड़ रुपये है। इस संबंध में आयोग ने विस्तृत जवाब देने के लिए कहा है। आदेश में अदाणी ट्रांसमिशन लि. की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता संजय सेन द्वारा उठाए गए समस्त विधिक तथ्यों को भी शामिल किया गया है।