69000 सहायक शिक्षक भर्ती में फैसला रिजर्व
स्वतंत्रदेश,लखनऊ:69000 सहायक शिक्षक भर्ती मामले में 20 हजार सीटों पर हुए आरक्षण घोटाला मामले में गुरुवार को लखनऊ हाईकोर्ट की सिंगल बेंच में सुनवाई हुई। जस्टिस ओपी शुक्ला ने सुनवाई के बाद ऑर्डर को रिजर्व कर लिया। उन्होंने सभी वकीलों को एक सप्ताह के अंदर लिखित सबमिशन दाखिल करने को कहा है।
ओबीसी को 27% के बजाय मिला 3.80% आरक्षण
आर्डर रिजर्व होने से पहले बहस के दौरान आरक्षण पीड़ित अभ्यर्थियों की तरफ से सीनियर वकील सुदीप सेठ एवं बुलबुल गोदियाल ने पक्ष रखा। उन्होंने जस्टिस ओपी शुक्ला को बताया कि इस भर्ती में बेसिक शिक्षा नियमावली 1981 और आरक्षण नियमावली 1994 का उल्लंघन किया गया है। जिसकी वजह से इस भर्ती में ओबीसी को 27% आरक्षण के बजाय 3.80% और एससी वर्ग को 21% आरक्षण के बजाय 16.2% ही आरक्षण दिया गया। ऐसा करने से विभाग ने 20 हजार से अधिक सीटों पर आरक्षण का घोटाला किया गया।
अभ्यर्थियों की तरफ से वकीलों ने कहा, “इस भर्ती प्रक्रिया में आरक्षित वर्ग के 20 हजार से अधिक अभ्यर्थियों को होना चाहिए था लेकिन विभाग की गलत नीतियों के चलते उनके स्थान पर गलत अभ्यर्थियों का चयन कर लिया गया।” इन तर्कों को सुनने के बाद जस्टिस ओपी शुक्ला ने घोटाले संबंधित डेटा मांगा। डेटा देखने के बाद वह इससे सहमत नजर आए।
कोर्ट में अभ्यर्थियों द्वारा जो डेटा जमा किया गया, उसमें बताया गया कि 69000 सहायक शिक्षक भर्ती में 28000 आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों की ओवरलैपिंग कराई जानी थी लेकिन सरकार ने एक विशेष वर्ग को फायदा पहुंचाने के लिए इस भर्ती प्रक्रिया में 13007 आरक्षित वर्ग के अंतर्गत ओबीसी अभ्यर्थियों को चयनित किया।