उत्तर प्रदेशराज्य

डॉक्टरों के खिलाफ वसूली की नोटिस

स्वतंत्रदेश , लखनऊ:उत्तर प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में कार्यरत एमबीबीएस डॉक्टर के गायब होने के मामले में शासन सख्त हुआ है। परास्नातक और डिप्लोमा कोर्स करने के लिए छुट्टी पर गए डॉक्टरों के नहीं लौटने पर लगातार नोटिस जारी की जा रही है। बांड के तहत इनसे राजस्व वसूली की जाएगी।

प्रदेश में वर्ष 2018 से अब तक प्रांतीय स्वास्थ्य चिकित्सा सेवा संवर्ग के करीब 200 डॉक्टर नीट पीजी और डीएनबी कोर्स करने के लिए अवकाश लेकर गए हैं। इसमें ज्यादातर अभी तक लौटे नहीं हैं। अब इन डॉक्टरों की जिलेवार पड़ताल की जा रही है। पिछले दिनों 17 डाक्टरों को नोटिस जारी किया गया था। इन्हें 15 दिन का समय देते हुए जवाब मांगा गया है। चेतावनी दी गई कि यदि वे ड्यूटी पर नहीं लौटते हैं और जवाब भी नहीं देते हैं तो उनसे एक करोड़ रुपये के राजस्व की वसूली की जाएगी। रुपये जमा नहीं करने पर यह वसूली उनकी अचल संपत्ति से की जाएगी।नोटिस जारी किए हुए करीब 20 दिन बीत चुका है। इसके बाद भी अभी तक ज्यादातर डॉक्टरों ने जवाब नहीं दिया है। ऐसे में उन्हें दूसरी नोटिस भेजी जा रही है। साथ ही इनके खिलाफ वसूली के लिए शासन से अनुमति मांगी गई है। दूसरे चरण में 25 अन्य डॉक्टर भी चिन्हित किए गए हैं। इनके खिलाफ भी नोटिस जारी की जाएगी। दो नोटिस भेजने पर भी जवाब नहीं आया तो इन सभी के पद रिक्त घोषित करते हुए राजस्व वसूली की कार्रवाई शुरू की जाएगी।

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