बिजली विभाग में जॉब के लिए 7 लड़कों से 36 लाख हड़पे
स्वतंत्रदेश,लखनऊ:विकासनगर कोतवाली में कोचिंग संचालक भाइयों के खिलाफ सात लोगों से 36 लाख रुपये हड़पने का मुकदमा दर्ज हुआ है। पीड़ितों का आरोप है कि दोनों ने एफसीआई, एलडीए और बिजली विभाग में नौकरी दिलाने के नाम पर फंसाया था।

विकास नगर में चलता है आरबीएस नाम से कोचिंग सेंटर
गोरखपुर खजनी निवासी राजेंद्र वर्मा के मुताबिक विकासनगर में कुलदीप गुप्ता और प्रदीप गुप्ता आरबीएस कोचिंग सेंटर चलाते हैं। उनके मुताबिक पिछले दिनों कोचिंग सेंटर संचालकों से हुई। जिन्होंने बताया कि उनके पढ़ाए कई युवक सरकारी विभाग में बड़े पदों पर तैनात हैं। जिनकी मदद से वह लोग कई लोगों की नियुक्ति करा चुके हैं। आरोपियों की बात पर उन्होंने बेटे दीपक की नौकरी के लिए सात लाख 70 हजार रुपये दिए।
कुलदीप और प्रदीप ने फर्जी नियुक्ति पत्र दे दिए। नौकरी के लिए विभाग में सम्पर्क करने पर धोखाधड़ी की जानकारी हुई। जिसके बाद विकासनगर कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया गया। पुलिस के मुताबिक पीड़ितों की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच पड़ताल की जा रही है।
इन लोगों से हुई ठगी
विकास नगर पुलिस के मुताबिक इसी तरह आरोपी कोचिगं संचालक भाइयों ने सुरेंद्र वर्मा के बेटे विकास से तीन लाख 50 हजार, सज्जन लाल वर्मा के बेटे गोलू से साढ़े तीन लाख, महेंद्र सिंह के बेटे अखिलेश से साढ़े तीन लाख, चित्रकूट वर्मा के बेटे शिव प्रकाश शर्मा से साढ़े तीन लाख, मलिहाबाद निवासी हरिशचन्द्र कनौजिया के बेटे महेंद्र से छह लाख 50 हजार, बाराबंकी दिनेश यादव से सात लाख 70 हजार रुपये लिए थे।
पार्सल नहीं पहुंचाने पर मुकदमा
हजरतगंज स्थित इंस्टाकार्ट सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड कम्पनी के डिलेवरीमैन के खिलाफ हजरतगंज कोतवाली में मुकदमा दर्ज किया गया है। आरोप है कि डिलेवरी के बाद आरोपित ने करीब 1.16 लाख रुपये व करीब 91 हजार रुपये के 14 पार्सल कम्पनी में जमा नहीं किये।
अलीगंज सेक्टर-ए में कंपनी के आशीष कुमार चौरसिया का आरोप है कि 7 दिसम्बर को इंस्टाकार्ट सर्विसेज की गंज शाखा में पार्सल डिलेवरी का काम तुषार सोनकर करता है।
वह रुचि सोनकर की आईडी पर रुचि स्टोर के नाम से तुषार पार्सल डिलेवरी का काम करता था। उक्त तारीख पर तुषार पार्सल डिलेवरी के बाद 1,15,922 रुपये व 91,158 रुपये के 14 पार्सल कार्यालय में जमा नहीं किये। इंस्पेक्टर हजरतगंज अखिलेश कुमार मिश्रा ने बताया कि मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच की जा रही है।