SGPGI में 30 दिन में 28 ब्रेन स्ट्रोक केस
स्वतंत्रदेश,लखनऊ:UP में कड़ाके की ठंड के बीच ब्रेन स्ट्रोक और हार्ट अटैक जानलेवा साबित हो रहा है। SGPGI में गर्मियों के 8 महीने में ब्रेन स्ट्रोक के 34 मरीज भर्ती हुए थे। मगर सर्दियों के पिछले 30 दिन में ही 28 मरीज भर्ती हो चुके हैं। ये आंकड़ा सिर्फ एक संस्थान का है।
मेडिकल एक्सपर्ट कहते हैं कि ब्रेन स्ट्रोक केस में ब्लड वेसल्स फट जाती हैं। ब्रेन में ब्लीडिंग शुरू होने से मौत तक हो सकती है। अब सर्दियों में कानपुर के अस्पतालों में पिछले 17 दिन में 45 ब्रेन स्ट्रोक के केस पहुंचे हैं। हार्ट अटैक के 183 मरीजों की मौत हो चुकी है। कॉर्डियोलॉजिस्ट कहते हैं कि हार्ट में ब्लॉकेज 60% तक बढ़ी है। इसलिए अटैक के चांसेज भी दोगुना हो गए हैं।
केस 1 : अचानक बेहोश, डॉक्टर ने कहा- हेमोरेजिक स्ट्रोक पड़ा
42 साल के मनोज कुमार परिवार से दूर गाजीपुर में रहकर नौकरी कर रहे थे। 10 जनवरी को ऑफिस से लौटकर अकेले ड्रिंक करने लगे। इस बीच वो अचानक बेहोश हो गए। घर वालों का जब देर तक संपर्क नही हुआ तो वो लोग पहुंचे। इस बीच अर्ध बेहोशी की हालत में मनोज ने पूरी बात बताई। आनन-फानन में मरीज को लखनऊ SGPGI की इमरजेंसी में भर्ती कराया गया। यहां लाने पर मरीज में हेमोरेजिक स्ट्रोक की पुष्टि हुई। सामने आया कि ब्रेन के आधे हिस्से में ब्लड सर्कुलेशन रुक गया था। अब मनोज की बॉडी का दाहिना हिस्सा काम नहीं कर रहा है। मनोज पहले से हाईपर टेंशन और ब्लड प्रेशर से जुड़ी समस्या से पीड़ित थे। लापरवाही में वो इनकी दवाएं भी नहीं ले रहे थे।
केस 2 : सिर दर्द के बाद हुए बेहोश
सुल्तानपुर में 32 साल के बिजनेसमैन की 2 महीने पहले ही शादी हुई थी। 2 जनवरी को वो अपने ऑफिस में बैठकर काम कर रहे थे। तभी तेज सिर दर्द के कारण अचानक बेहोश हो गए। पहले नजदीक के डॉक्टर के पास ले जाया गया। बाद में SGPGI में भर्ती करवाया गया। जांच में उन्हें इस्मिक स्ट्रोक बताया गया। अब मरीज डिस्चार्ज किया जा चुका है।
ऑक्सीजन या ग्लूकोस की कमी से होता है ब्रेन स्ट्रोक
डॉ. रुचिका टंडन कहती हैं कि ब्रेन यानी मस्तिष्क के किसी भी हिस्से में ऑक्सीजन या ग्लूकोस की कमी से ब्रेन स्ट्रोक होता हैं। ब्रेन स्ट्रोक आने से आगे का ब्लड क्यों रुक जाता है आंखों आंखों की रोशनी चली जाती हैं। अचानक से मरीज अनकॉन्शियस यानी बेहोश हो जाता हैं। इन लक्षणों पर तत्काल अस्पताल पहुंचना होगा।