उत्तर प्रदेशराज्य

गिरधारी एनकाउंटर केस में लखनऊ हाईकोर्ट से राहत

स्वतंत्रदेश,लखनऊ: इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने गिरधारी एनकाउंटर केस में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट लखनऊ द्वारा एनकाउंटर में शामिल पुलिस वालों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के संबंध में 25 फरवरी 2021को पारित आदेश को खारिज कर दिया है । यह आदेश जस्टिस राजीव सिंह की एकल पीठ ने राज्य सरकार की ओर से दाखिल रिवीजन याचिका को मंजूर करते हुए पारित किया।

इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने गिरधारी एनकाउंटर केस में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट लखनऊ द्वारा एनकाउंटर में शामिल पुलिस वालों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के संबंध में 25 फरवरी 2021को पारित आदेश को खारिज कर दिया है ।

याचिका पर बहस करते हुए अपर महाधिवक्ता विनोद कुमार शाही का तर्क था कि पुलिस वालों ने जो कृत्य किया वह अपने आफिशियल दायित्व की पूर्ति के दौरान किया था जबकि सीजेएम की कोर्ट ने सीआरपीसी की धारा 197 तथा 30 जनवरी 1975 को पारित राज्य सरकार के उस शासनादेश की अनदेखी की जिसमें सेवा कार्य के दौरान पुलिस अधिकारियों द्वारा किए गए कृत्यों से उन्हें सुरक्षा प्रदान की गई है।

याचिका पर सुनवाई के पश्चात जस्टिस सिंह ने पाया कि अपर महाधिवक्ता की दलील उचित है और सीजेएम को अभियोजन स्वीकृति से संबंधित प्राविधानों पर विचार करने के पश्चात ही आदेश पारित करना चाहिए था किंतु ऐसा नहीं किया गया अत: सीजेएम द्वारा पारित आदेश खारिज करने योग्य है।

उल्लेखनीय है कि गिरधारी एनकाउंटर के बाद मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट लखनऊ ने एनकाउंटर में शामिल पुलिस वालों के खिलाफ विवेचना करने के बाबत प्राथमिकी दर्ज करने के आदेश हजरतगंज पुलिस को दिए थे।

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