अस्पतालों में नहीं होगी दवाओं की किल्लत
स्वतंत्रदेश,लखनऊ:सरकारी अस्पतालों में दवाओं के संकट से निपटने के लिए नई रणनीति अपनाई जाएगी। अब सभी चिकित्सा अधीक्षकों को सीजनल बीमारियों के हिसाब से दवाओं की खपत का ब्योरा देना होगा। अस्पताल में तीन महीने में एक्सपायर होने वाली दवाओं के स्टॉक को भी आसपास के चिकित्सालयों में भेजने के विशेष प्रबंध किए जाएंगे। अस्पतालों में अक्सर दवाओं की कमी की शिकायतें मिल रही हैं। कहीं अतिरिक्त मात्रा में हैं तो कहीं टोटा है। कहीं पर खपत कम होने के बावजूद दवाओं का स्टॉक ज्यादा भेज दिया गया। ऐसे में दवाएं एक्सपायर हो जाती हैं। इन समस्याओं के निपटने के लिए अब चिकित्सा अधीक्षकों को हर महीने दवाओं के स्टॉक का ब्योरा देना होगा। उन्हें यह भी बताना होगा कि सीजनल बीमारियों के समय उनके यहां संबंधित दवाओं की कितनी खपत है। नए सत्र में उसी हिसाब से उत्तर प्रदेश मेडिकल सप्लाई कॉरपोरेशन दवा वितरण का चार्ट तैयार करेगा।
डीजी मेडिकल हेल्थ ने जारी किए आदेश
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. लिली सिंह ने बताया कि दवाएं एक्सपायर न हों, इसके लिए हर स्तर पर चौकसी बरती जा रही है। सभी चिकित्सा अधीक्षकों को दवाओं की उपलब्धता, और खपत का ब्योरा देने के निर्देश दिए गए हैं। चिकित्सा अधीक्षकों के द्वारा भेजी गई सूची कॉरपोरेशन को भी दी जाएगी, जिससे वहां से भी निगरानी की जा सके।