उत्तर प्रदेशराज्य

 अप्रैल-मई में हो सकते हैं निकाय चुनाव

स्वतंत्रदेश,लखनऊ:निकाय चुनाव पर ओबीसी आरक्षण को लेकर यूपी सरकार ने बुधवार को अहम फैसला लिया। सरकार ने 5 सदस्यों का ओबीसी आयोग बनाया है। रिटायर्ड जज राम अवतार सिंह इसके अध्यक्ष होंगे। इसके अलावा, आईएएस चौब सिंह वर्मा, रिटायर्ड आईएएस महेंद्र कुमार, भूतपूर्व विधि परामर्शी संतोष कुमार विश्वकर्मा और अपर जिला जज बृजेश कुमार सोनी सदस्य होंगे।

आयोग निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण के लिए ट्रिपल टेस्ट करके 3 महीने के अंदर अपनी रिपोर्ट शासन को देगा। इसके आधार पर ओबीसी आरक्षण निर्धारित होगा। ऐसे में माना जा रहा है कि अप्रैल-मई में निकाय चुनाव हो सकते हैं। क्योंकि, फरवरी-मार्च में बोर्ड एग्जाम हैं। अधिसूचना के मुताबिक, आयोग की नियुक्ति 6 महीने के लिए हुई है।

दरअसल, मंगलवार को हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने शहरी स्थानीय निकाय चुनावों पर राज्य सरकार के 5 दिसंबर को जारी ड्राफ्ट नोटिफिकेशन को रद्द कर दिया था। साथ ही, ओबीसी आरक्षण लागू किए बिना ही यूपी में चुनाव कराने के आदेश दिए थे। हाईकोर्ट ने यह भी कहा था कि बिना ‘ट्रिपल टेस्ट’ के आरक्षण न किया जाए।हाईकोर्ट के फैसले के तुरंत बाद सीएम योगी का बयान आया। इसमें उन्होंने कहा कि बिना ओबीसी आरक्षण के निकाय चुनाव नहीं कराएगी। जरूरत पड़ी तो सुप्रीम कोर्ट तक जाया जाएगा। योगी के इस बयान से यह क्लीयर था कि सरकार बिना आरक्षण चुनाव नहीं कराएगी। यही वजह रही कि हाईकोर्ट के फैसले के 24 घंटे के भीतर ही आरक्षण के लिए आयोग गठित कर दिया।यूपी नगर निकाय चुनाव में OBC आरक्षण पर हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने सोमवार को बड़ा फैसला सुनाया। हाईकोर्ट ने OBC आरक्षण के बिना ही निकाय चुनाव कराने का आदेश दिया है। ऐसे में OBC के लिए आरक्षित सीट अब जनरल मानी जाएगी। वहीं, कोर्ट के फैसले के तुरंत बाद सीएम योगी आदित्यनाथ की प्रतिक्रिया भी सामने आई। उन्होंने कहा, ”प्रदेश में पहले OBC आरक्षण देंगे, फिर चुनाव कराएंगे। अगर जरूरत पड़ी सुप्रीम कोर्ट जाएंगे।” 

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