एक नवंबर से बिजली उपभोक्ताओं के लिए लागू होगी नई व्यवस्था
स्वतंत्रदेश ,लखनऊकानपुर की तर्ज पर राजधानी में 14.50 लाख बिजली उपभोक्ताओं के लिए एक नवंबर से नई व्यवस्था लागू होने जा रही है। वर्टिकल सिस्टम नामक नई व्यवस्था में हर एक काम के लिए एक अधिकारी जिम्मेदार होगा। उपभोक्ता को बिजली कनेक्शन और बिल देने वाले जिम्मेदार अफसर अब अलग-अलग होंगे। वर्तमान में कनेक्शन व बिल देने की दोहरी जिम्मेदारी अधिशासी अभियंता (वितरण) ही निभा रहे हैं।निगम के अध्यक्ष डॉ. आशीष कुमार गोयल ने मंगलवार की शाम राजधानी के चारों मुख्य अभियंताओं के साथ नई व्यवस्था के संबंध में विस्तार से चर्चा की। प्रबंध निदेशक पंकज कुमार की उपस्थित में हुई बैठक में व्यवस्था में बदलाव से जुड़े पूर्व के प्रस्ताव में उन्होंने कुछ बदलाव करने के लिए भी कहा।

ऐसे समझें नई व्यवस्था : नई व्यवस्था में अधिशासी अभियंता की जगह अधीक्षण अभियंता जिम्मेदार बनेंगे। इन अधीक्षण अभियंताओं की टीम में अधिशासी, सहायक, अवर अभियंता भी होंगे। हालांकि, उपभोक्ताओं की समस्याओं के लिए जवाबदेही अधीक्षण अभियंताओं की होगी, जिनके मुखिया मुख्य अभियंता होंगे।
लखनऊ मध्य जोन लेसा के मुख्य अभियंता रवि कुमार अग्रवाल का कहना है कि बिजली उपभोक्ताओं के लिए वर्टिकल सिस्टम में एक काम का एक अफसर जिम्मेदार होगा। इससे उपभोक्ताओं को सहूलियत होगी।
प्रत्येक जोन में अधिकारी और उनकी जिम्मेदारी
अधीक्षण अभियंता (वाणिज्य) – नया कनेक्शन देना, मीटर लगाना, बिल सही करना, बिल वसूली, स्मार्ट मीटर लगाने व 1912 की शिकायतों के निराकरण।
अधीक्षण अभियंता (तकनीकी) – बिजली की निर्वाध आपूर्ति, शहर में 33 केवी, 11 केवी लाइनों में आए फॉल्ट, जले ट्रांसफार्मर बदलने, उपकेंद्रों पर दर्ज होने वाली शिकायतों का निदान।
अधीक्षण अभियंता (परीक्षण) – उपकेंद्र से मोहल्लों और गांवों बने उपकेंद्र एवं लगे ट्रांसफार्मरों की टेस्टिंग।अधीक्षण अभियंता (प्रोजेक्ट) – नए बिजली उपकेंद्र और लाइन बनाने की जिम्मेदारी।
नई व्यवस्था से उपभोक्ताओं को होंगे ये फायदे
– आम उपभोक्ता को किसी काम के लिए जेई, एसडीओ के चक्कर नहीं काटने होंगे।
– बिजली कनेक्शन ज्यादा आसानी से मिलेगा, बिल से जुड़ी शिकायत के लिए भटकना नहीं पड़ेगा।
– उपभोक्ता सेवा के सभी कार्य जैसे मीटर बदलने, जांचने के काम तय समय-सीमा में होंगे।
– एकीकृत व्यवस्था में 1912 पर दर्ज होने वाली शिकायत का शत-प्रतिशत निस्तारण संभव होगा।
– उपभोक्ता का काम न होने पर जिम्मेदार पर कार्रवाई होगी।