सरकारी होम्योपैथी अस्पताल में अब ये नियम लागू
स्वतंत्रदेश,लखनऊ:यूपी में होम्योपैथी पद्धति से उपचार कराने वाले करीब 2 करोड़ रोगियों के लिए राहत भरी खबर हैं। अब तक सिर्फ सफेद मीठी गोलियों के जरिए उनका उपचार किया जाता था, अब अब सरकारी होम्योपैथिक अस्पतालों में मीठी गोली की जगह टैबलेट और सीरप भी मिलेगा।
विभाग ने इस संबंध में प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेज दिया। दिल्ली के बाद अब यूपी में भी बदलाव के साथ इस नए पैटर्न को लागू करने की तैयारी हैं।
शासन को भेजा गया प्रस्ताव
इस रणनीति के जरिए मरीजों को होम्योपैथिक अस्पताल की ओर आकर्षित किया जाएगा। इसको लेकर होम्योपैथिक निदेशालय ने प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेजा है। नए सत्र में दवाओं की खरीद में तरल पदार्थ के बजाय टैबलेट और सीरप खरीदने का प्रस्ताव दिया गया है।
होम्योपैथिक निदेशक डॉ. अरविंद कुमार वर्मा ने बताया कि नई दिल्ली सहित कुछ राज्यों में होम्योपैथिक दवाओं के पैटर्न में बदलाव किया गया। इससे वहां मरीजों की संख्या बढ़ी है। यह प्रयोग अब यहां भी लागू करने की तैयारी है।
सिर्फ मीठी गोली के सहारे नही होगा इलाज
प्रदेश में करीब 1584 राजकीय होम्योपैथिक चिकित्सालय हैं। यहां हर साल करीब 1.78 करोड़ मरीज इलाज कराते हैं। होम्योपैथिक अस्पतालों में तरल पदार्थ में मौजूद दवा को मीठी गोली में मिलाकर दिया जाता है। अब इसमें बदलाव किया जा रहा है। यहां भी एलोपैथ की तरह टैबलेट और सीरप देने की तैयारी है। दवाओं का फार्मूला पहले जैसा ही होगा।
OPD व्यवस्था सुधारने के निर्देश
होम्योपैथिक निदेशक ने बताया कि होम्योपैथिक अस्पतालों की ओपीडी की व्यवस्था में भी सुधार किया जा रहा है। होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेजों एवं जिला स्तरीय अस्पतालों में मरीजों के बैठने, दवा काउंटर आदि की व्यवस्था दुरुस्त कर दी गई है। अब डिस्पेंसरी में भी सुधार किया जा रहा है।