उत्तर प्रदेशराज्य

दाखिले में हेराफेरी की जांच नहीं करेगी सीबीआई

स्वतंत्रदेश,लखनऊ:प्रदेश के आयुष कॉलेजों के दाखिले में हुई हेराफेरी की जांच सीबीआई नहीं करेगी। अधिक संख्या में केस होने और विवेचकों की कमी के कारण जांच एजेंसी इस मामले में रुचि नहीं दिखा रही है। सूत्रों का कहना है कि सीबीआई ने दाखिले में हेराफेरी मामले का प्रथमदृष्टया परीक्षण करने के बाद इसकी जांच नहीं करने का निर्णय किया है। दरअसल सीबीआई के पास काफी संख्या में केस लंबित है। इनमें बैंक फ्राड से लेकर अलग-अलग सरकारों में यूपी में हुए घोटाले की जांच शामिल हैं। गौरतलब है कि बीते एक साल में प्रदेश सरकार की सिफारिश पर सीबीआई ने सिर्फ आजमगढ़ के पोंजी स्कीम मामले की जांच अपने हाथ में ली है। 

अधिक केस होने के चलते नहीं दिखा रही रुचि

सीबीआई के लखनऊ जोन में इस साल अब तक 33 मामले दर्ज किए गए हैं। एंटी करप्शन ब्रांच में दर्ज 28 मामलों में ट्रैप के 10, बैंक फ्राड के आठ मामले, केंद्रीय विभागों से संबंधित सात, न्यायालय से जुड़े दो और राज्य सरकार की सिफारिश पर दर्ज एक मामला शामिल है। वहीं, स्पेशल क्राइम ब्रांच में दर्ज पांच मामलों में बैंक फ्राड के चार और एक मामला एनटीपीसी में फर्जी जाति प्रमाणपत्र के आधार पर नौकरी हासिल करने का है।

चार साल में दर्ज किए गए 101 केस
वर्ष 2019 में 25, वर्ष 2020 में 17, वर्ष 2021 में 26 और वर्ष 2022 में 33 मामले दर्ज किए। इस तरह चार साल में सीबीआई कुल 101 केस दर्ज कर उसकी जांच कर रही है।

कई चर्चित घोटालों की जांच लंबित
सीबीआई के पास बड़ी संख्या में मुकदमों की जांच लंबित है। इनमें खनन घोटाला, खाद्यान्न घोटाला, रिवर फ्रंट घोटाला, मेरठ-यमुनोत्री हाईवे घोटाला, सचल पालना गृह योजना घोटाला, और चीनी मिल घोटाला की जांच शामिल है।

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