उत्तर प्रदेशराज्य

पुल निर्माण में उड़ रहीं प्रदूषण के नियमों की धज्जियां

स्वतंत्रदेश,लखनऊ:वायु प्रदूषण के स्तर को सुधारने की दिशा में उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (यूपीपीसीबी) ने भी कमर कस ली है। इंदिरानगर और मुंशीपुलिया में बन रहे दो पुलों के निर्माण में प्रदूषण नियंत्रण के नियमों की धज्जियां उड़ाने वाली दो कंपनियों को कारण बताओ नोटिस जारी की गई है। यूपीपीसीबी के अधिकारियों ने 21 और 25 नवंबर को पालिटेक्निक चौराहा से मुंशीपुलिया होते हुए टेढ़ी पुलिया रोड तक 500 मीटर की दूरी के फ्लाईओवर के निर्माण कार्य का निरीक्षण किया।

दो कंपनी से मांगा जवाब

यह पुल जीएस प्राइवेट लिमिटेड कंपनी बना रही है। निरीक्षण में मिट्टी की खुदाई में उड़ने वाली धूल की रोकथाम के लिए जल छिड़काव की व्यवस्था नहीं मिली। खोदी गई मिट्टी को ढकने की व्यवस्था भी नहीं थी। ग्रीन नेट और बैरिकेटिंग बोर्ड भी कुछ जगहों पर नहीं मिला। वायु प्रदूषण के निगरानी के लिए पीटी जेड कैमरा भी नहीं लगाया गया था।इसके अलावा इंदिरा नगर सेक्टर-25 चौराहा से खुर्रम नगर चौराहा तक बन रहे पुल के निर्माण कार्य में भी कई खामियां मिली हैं। इस पुल का निर्माण विजय कंस्ट्रक्शंस (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड कंपनी कर रही है। पुल के निर्माण के लिए मिट्टी की खुदाई होने और सर्विस लेन में गाड़ियों के आने जाने से दिनभर धूल उड़ती है।इसके लिए जल छिड़काव की कोई व्यवस्था नहीं है। इन जगहों पर बैरिकेडिंग की व्यवस्था भी नहीं है। इस पुल के निर्माण के दौरान प्रदूषण के निगरानी के लिए पीटीजेड कैमरा तो लगाया गया लेकिन इसका लिंक राज्य बोर्ड को नहीं दिया गया और न ही डस्ट ऐप पर रजिस्ट्रेशन कर सेल्फ आडिट किया गया। 16 अगस्त को हुए निरीक्षण में भी बोर्ड में कंपनी को नोटिस भेजा था। इसका जवाब अब तक नहीं आया है।

21 और 25 नवंबर को निरीक्षण करने पर खामियों में सुधार न पाकर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने विजय कंस्ट्रक्शन लिमिटेड को 16 अगस्त और जीएस प्राइवेट लिमिटेड को 29 अक्टूबर से अब तक प्रतिदिन 23437.50 रुपये प्रतिदिन की दर से दंडात्मक कार्यवाही न किए जाने के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया है।निर्माण कार्य के दौरान प्रदूषण के नियंत्रण के लिए जरूरी प्रबंध किए जाने चाहिए। दोनों ही निर्माण कार्यों पर धूल उड़ने से वायु की गुणवत्ता खराब हो रही थी। निर्माण कार्य के दौरान कई अनियमितताएं पाई गई थी। इस कारण कंपनियों को नोटिस जारी कर 15 दिनों में जवाब मांगा गया है।

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