उत्तर प्रदेशराज्य

अफसरों पर CM का एक्शन

स्वतंत्रदेश ,लखनऊ:लोगों की समस्याओं को सुलझाने में लापरवाही बरतने वाले अफसरों की सीक्रेट रिपोर्ट पर अब कार्रवाई शुरू हो गई है। आम लोगों की समस्याओं की सुनवाई में ढिलाई पर बेहद सख्त रुख अपनाते हुए सरकार ने 73 अफसरों को नोटिस जारी कर जवाब-तलब किया है।

सरकार के 10 डिपार्टमेंट में 2017 से 25 मई 2022 तक 10558 शिकायतों की सुनवाई नहीं हुई थी। इसके बाद सरकार ने हर महीने रिपोर्ट तैयार करवाई और अब उसी आधार पर नोटिस जारी किया है।

ये तस्वीर CM योगी के जिलों की समीक्षा के दौरान की है।

73 अफसरों पर एक्शन से पहले नोटिस
इनमें शासन स्तर के 10 विभागाध्यक्ष, पांच मंडलायुक्त, 10 डीएम, पांच-पांच विकास प्राधिकरण के VC, नगर आयुक्त और 10 तहसीलें शामिल हैं। इसके अलावा पुलिस के तीन ADG, पांच आईजी और डीआईजी,10 कप्तानों जिसमें कमिश्नरेट, एसएसपी और एसपी शामिल है। इसके साथ ही 10 और थानों से भी स्पष्टीकरण मांगा गया है। संतोषजनक जवाब न मिलने पर इन पर कार्रवाई तय मानी जा रही है।73 अफसरों को नोटिस जारी हुआ है। नोटिस में IGRS और सीएम हेल्पलाइन पर आई शिकायतों और उसके निस्तारण के आंकड़ों का जिक्र करते हुए सभी से दो सवालों का जवाब मांगा गया है।


  1. आम लोगों की शिकायतों का समय से निस्तारण न होने का क्या कारण रहा?
  2. क्यों न इसे गंभीर लापरवाही मानते हुए आपके खिलाफ कार्रवाई की जाए?

खराब परफॉर्मेंस बना नोटिस की वजह
CM योगी IGRS और 1076 हेल्पलाइन पर आई शिकायतों के सुनवाई और समाधान में देरी पर नाराजगी जाहिर कर चुके हैं। शहरों में जिम्मेदार पदों को संभालने वाले अधिकारियों के लिए सीएम योगी ने डायरेक्शन जारी किए थे। इसमें तहसील, थाना और ब्लॉक लेवल पर ही शिकायतों को खत्म करने के लिए कहा गया था। ताकि लोगों को भटकना न पड़े। शिकायत करने वाले की संतुष्टि भी जरूरी है, लेकिन सीएम की तमाम कवायद के बावजूद अधिकारियों पर असर नही दिख रहा, लिहाजा ऐसे फिसड्डी और खराब प्रदर्शन करने वाले अधिकारी निशाने पर हैं।

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