डिजिटल स्वरूप में दिखेगी लखनऊ की ऐतिहासिक रामलीला
स्वतंत्रदेश,लखनऊ :कोरोना संक्रमण के चलते रामलीला की अनुमति के असमंजस के बीच रामलीला समितियों की ओर से रिहर्सल शुरू हो गई है। गोस्वामी तुलसी दास द्वारा करीब 400 पहले शुरू की गई ऐशबाग का सात अक्टूबर से डिजिटल रंग नजर आएगा। कोरोना संक्रमण के चलते खुले मैदान के बजाय श्रीराम भवन में बिना दर्शक के रामलीला का मंचन होगा और यूट्यूब, वाट्सएप और फेसबुक के माध्यम से घर बैठक दर्शकों को दिखाने का प्रयास किया जाएगा। रामलीला समिति के संयोजक आदित्य द्विवेदी ने बताया कि कोराना संक्रमण के देखते हुए इसबार ऐशबाग रामलीला का मंचन आनलाइन होगा।
रिहर्सल आफलाइन चल रही है। दर्शकों को ऐशबाग आने की आवश्यकता नहीं है, वह अपने घर बैठे रामलीला का मंचन देख सकेंगे। रामलीला के मंचन के लिए इसबार बाहरी कलाकारों को नहीं बुलाया जाएगा। जो कलाकार मंचन में शामिल होंगे, उनको मंचन से पहले आरटीपीसीआर जांच व दो टीकाकरण की ब्योरा देना होगा। इसके बाद ही वह रामलीला का मंचन कर सकेंगे। रामलीला समिति के अध्यक्ष हरिश्चंद्र अग्रवाल ने बताया सरकार ने भले ही गाइडलाइंस के मुताबिक परिवर्तन संभव है। केवल क्षेत्रीय कलाकार ही रामलीला का मंचन कर सकेंगे। शहर की सबसे पुरानी रामलीला होने के चलते सैकड़ों लोग हर दिन शाम से रात तक मंचन देखने जुटते हैं। ऐसे में सरकार के द्वारा तय की गई किसी कोरोना गाइडलाइन का उल्लंघन न हो जाए इसलिए मौजूदा योजना के अनुसार हमने इस साल आनलाइन रामलीला करने का फैसला लिया है।