उत्तर प्रदेशराज्य

बुलंदशहर में 10 करोड़ से बना बंधा टूटा

स्वतंत्रदेश,लखनऊ:पहाड़ों पर हो रही बारिश के चलते यूपी में गंगा का जलस्तर बढ़ता जा रहा है। तीन दिनों में बिजनौर में बने गंगा बैराज से करीब 3 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा जा चुका है। इससे यूपी के 7 जिलों में गंगा से सटे क्षेत्रों में बाढ़ जैसे हालात हैं। बिजनौर, कासगंज, अमरोहा, बुलंदशहर, अलीगढ़, फर्रुखाबाद, कन्नौज में गंगा का जलस्तर खतरे के निशान के करीब है।

फर्रुखाबाद में 28 गांवों में बाढ़ का पानी पहुंच गया है। कुछ स्कूल भी डूब गए। बुलंदशहर में 10 करोड़ से बना एक बंधा टूट गया है। अमरोहा में 20 किमी. तक खेतों में पानी पहुंच गया है। यहां किसानों की करीब 80 हजार एकड़ फसल डूब गई है। गंगा का जल स्तर बढ़ने से 250 से ज्यादा गांव बाढ़ की दहशत में हैं।

बिजनौर में गंगा का पानी किसानों के खेतों तक पहुंच गया है। खेतों में चरी, धान और कटरी में कद्दू, लौकी, तरोई की फसल पानी में डूब गई है। यहां हर साल गंगा अपना रौद्र रूप दिखाती है। गंगा उत्तराखंड के हरिद्वार के बाद बिजनौर से यूपी में प्रवेश करती है।

यहां 5 लाख क्यूसेक क्षमता का बांध है। पिछले तीन दिनों में 3 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा जा चुका है। बिजनौर के नांगल से लेकर जलीलपुर तक गंगा उफान पर रहती है। यहां करीब 20 हजार बीघा खेतों में खड़ी फसल में पानी भर गया है।अमरोहा में गंगा खतरे के निशान से महज 1.60 सेमी दूर है। गंगा नदी में बढ़े जलस्तर के बाद अमरोहा, धनौरा और हसनपुर के कई गांवों में पानी पहुंच गया। खेतों में तीन से चार फीट तक पानी भरा है। फसलें डूब गई हैं। किसान खेतों से पशुओं के लिए चारा लाने में भी 4 फीट पानी से होकर गुजर रहे हैं। उधर बाढ़ खंड विभाग ने गांवों में अलर्ट जारी किया है। अमरोहा में गंगा किनारे 60 से ज्यादा गांव बसे हैं। ये सभी दहशत के साए में हैं।बुलंदशहर में गंगा के पानी का बहाव इतना तेज हो गया है कि यहां बना तटबंध टूट गया है। इससे सैकड़ों बीघा जंगल जलमग्न हो गया। पानी सीमावर्ती इलाकों में तेजी से बढ़ रहा है। इस तटबंध का शिलान्यास 3 फरवरी 2021 को सीएम योगी ने ऑनलाइन किया था। तटबंध 10 करोड़ रुपए की लागत से तैयार हुआ था। इस बंधे के 100 मीटर दूर पर महाभारत कालीन मंदिर, गोशाला और संस्कृत महाविद्यालय है। तटबंध टूटने से इनके डूबने का भी खतरा मंडराने लगा है। 

कासगंज से करीब 42 किलोमीटर दूर स्थित बरौना गांव में गंगा का पानी प्रवेश कर गया है। गांव के किनारों पर कटान भी शुरू हो चुका है। करीब 50 गांव बाढ़ की दहशत में हैं। लोग अपना घर छोड़कर जा रहे हैं। हजारों बीघा फसल भी डूबने की कगार पर है।

ग्राम पंचायत बरौना के प्रधान पति महेश चंद बताते हैं, “हर साल गंगा 50 से ज्यादा गांवों को तबाह करती है। पूरी फसल नष्ट हो जाती है। ग्रामीण पलायन को मजबूर होते हैं। प्रशासन से लगातार यहां एक तटबंध बनाने की मांग की जा रही है, लेकिन कोई सुनवाई नहीं होती। जब तक बांध नहीं बनेगा गांव वाले ऐसे ही परेशान होते रहेंगे।”

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