किशोरों को मोबाइल से दूर रखने का तरीका
स्वतंत्रदेश ,लखनऊ:पबजी खेलने से रोकने पर लखनऊ में किशोर द्वारा मां की हत्या किए जाने की खबर ने अभिभावकों के माथे पर सिकन ला दिया है। मनोचिकित्सक हो या मनोवैज्ञानिक, हर कोई इस घटना से परेशान है। उनका लाडला क्या कर रहा है, मोबाइल का ज्यादा उपयोग तो नहीं कर रहा है, मोबाइल में वह क्या-क्या देख रहा है… इसको लेकर अब अभिभावक सतर्क हो गए हैं।
स्कूलों, कालेजों में शिविर लगाए गए। वहां पर पढ़ रहे बच्चों से सीधा संवाद स्थापित किया गया। 4,729 बच्चों में से 2100 ऐसे मिले, जिन्हें खानपान से संबधित समस्या थी। 1112 की समस्या धूम्रपान से संबंधित थी। इससे इतर 403 की मुश्किल मोबाइल को लेकर थी। अधिक समय तक मोबाइल चलाने के कारण वह अनिद्रा और तनाव की समस्या से परेशान मिले। कई बच्चे ऐसे मिले, जिनके अभिभावकों ने जब मोबाइल से मना किया तो वह गुमसुम रहने लगे। मोबाइल के ज्यादा प्रयोग से तनाव, थकान और मानसिक स्वास्थ्य पर असर पड़ता है। इससे आंखों की समस्या भी हो जाती है। इससे बचने के लिए सबसे पहले दिन भर की गतिविधि का टाइम टेबल बना लें। जरूरी काम पहले करें। मोबाइल पर गेम खेलने के बजाय आउटडोर गेम खेलें। अभिभावक बच्चों के पास रहें। खाली समय में घरेलू कामों में बच्चों का सहयोग लें।