महंगा कोयला खरीदने पर बिजली होगी महंगी?
यूपी में भीषण गर्मी के बीच बिजली की खपत बढ़ गई है। बिजली आपूर्ति को चरमराने से बचाने के लिए अब कोयला महंगे दामों पर विदेश से खरीदना पड़ रहा है। इस खरीद पर उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के बाद अब नियामक आयोग ने राज्य विद्युत उत्पादन निगम से सवाल किया है। परिषद की जनहित याचिका पर नियामक आयोग ने सवाल किया है कि इसकी अनुमति ली गई थी या नहीं? उत्पादन निगम से पूछा गया है कि क्या विदेश से कोयला खरीदने के लिए सरकार से कोई अनुमति ली गई है?
नियामक आयोग ने यहां तक कहा है कि अगर इसका जवाब नहीं मिलता है, तो विदेशी कोयला खरीद पर जो भी खर्च आएगा। उसे नियामक आयोग खारिज कर देगी। दरअसल, परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने आरोप लगाया है कि महंगा कोयला खरीदने से बिजली भी महंगी होगी। उनका कहना है कि कई निजी घरानों के दबाव में विदेश से कोयला खरीदने की पूरी प्लानिंग हो गई है। वो असंवैधानिक है।अभी कोल इंडिया की ओर से उत्पादन इकाइयों को 1700 रुपए प्रति टन के हिसाब से कोयला मिलता है। वहीं कोयला जब विदेश से खरीदा जाएगा तो उसकी कीमत लगभग 17000 रुपए प्रति टन तक पहुंच जाएगी। अगर 10% खरीदारी हो जाती है तो बिजली दरों में 40 से 50% तक बढ़ोतरी होगी।