उत्तर प्रदेशराज्य

टेंडर के नाम पर खेल

स्वतंत्रदेश,लखनऊ: शारदानगर योजना के तहत रक्षाखंड स्थित प्राकृतिक झील के सुंदरीकरण और गोमतीनगर विस्तार योजना से.7 में अवस्थापना सुविधवाओ के मरम्मत में आमंत्रित ई-टेंडर को नियम स्वरुप न स्वीकृत करने पर लविप्रा के अभियंता इंदु शेखर सिंह फंस गए है जाँच के बाद आख्या मंडलायुक्त को रिपोर्ट भेजी गई ,फिर उन्होंने अपर मुख्य सचिव गृह विभाग को जाँच के लिए भेजा है।

फंसे अभियंता ल विप्रा के अभियंता इंदु शेखर सिंह

29 अक्टूबर को नरेश राजपूत ने इंदु शेखर सिंह के खिलाफ ई-टेंडर में अनियमितता व अवैध तरीके से सपत्ति हासिल करने की शिकायत की थी इस पर 18 नवंबर को सचिव व अपर सचिव की दो सदस्यीय कमेटी से जाँच कराई थी । कमेटी ने जाँच पूरी करके 28 जनवरी को आख्या शासन को भेजी इंदु शेखर पर आरोप था कि झील के बायो इंजीनियरिंग तकनीक सुंदीकरण लिए 4 .83 करोड़ का कार्य मेसर्स शिवांश वेंचर्स को दे दिया था । यह फर्जी अनुभव के आधार पर दिया था और तो और मेसर्स को मदद पहुंचने लिए उसकी सहयोगी फार्म को गोमती विस्तार में इ एम ए ए आर व् ओमेक्स के निकट 45 मीटर सड़को पर 6 करोड़ के अवस्थापना का कार्य दे दिया ,जबकि ये इस फर्म में हिस्सा ही नहीं लिया था । 20 जुलाई 2020 से 18 मार्च 2021 तक 5 बार निविदा आमंत्रित की गई इसके बाद 13 सितम्बर 2021 को निविदा आमंत्रित की गई तो 5 बार कंपनी ने हिस्सा लिया तीन फर्म तकनीकी बिड में योग्य न करार दी गई अंत में मेसर्स शिवांश वेंचर्स और पाल बिल्डर्स टेंडर से दूर हो गए । दोनों ही फर्मो में सड़क व् नाली का अनुभव पत्र लगाया । दोनों ही फर्मो में सड़क व् नाली का अनुभव पत्र लगाया बाद में जाँच में सामने आया कि इनके पास बायो इंजीनियरिंग से सुंदरीकरण का कोई अनुभव नहीं है । मेसर्स शिवांश वेंचर्स ने मेसर्स शिवांश वेंचर्स कस्ट्रक्शन के नाम से अनुभव पत्र लगाया गया था ,जिसकी जाँच होने पर आरोप सही साबित हुआ है ।


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