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सबसे ज्यादा वायु प्रदूषण?

स्वतंत्रदेश,लखनऊ:भारत की राजधानी दिल्ली में कितना प्रदूषण है, इसको लेकर डब्लूएचओ ने एक रिपोर्ट जारी की है। यूएन एनवायरमेंट प्रोटेक्शन एजेंसी ने दुनिया भर के शहरों की एयर क्वालिटी रैंकिंग मंगलवार को जारी की है। इस रिपोर्ट में दिल्ली को दुनिया की कैपिटल सिटी के रूप में सबसे ज्यादा प्रदूषित शहर बताया गया है। इस रिपोर्ट में सबसे खराब गुणवत्ता वाले 50 शहरों में से 35 शहर भारत के हैं। 

दुनिया में सबसे ज्यादा वायु प्रदूषण दिल्ली में

मंगलवार को जारी हुई वर्ल्ड एयर क्वालिटी रिपोर्ट में डब्लूएचओ के मानकों पर भारत का एक भी शहर खरा नहीं उतरा है। एयर क्वालिटी रैंकिंग में भारत की राजधानी दिल्ली (85.5) को सबसे प्रदूषित शहर के रूप में रखा गया है। इसके बाद बांग्लादेश की राजधानी ढाका (78.1) और तीसरे नंबर पर अफ्रीका महाद्वीप के चाड देश की राजधानी अन जामेना (77.6) को रखा गया है। 2021 की वैश्विक एयर क्वालिटी रिपोर्ट में 117 देशों के 6475 शहरों का डेटा शामिल किया गया। इस रिपोर्ट में 20 से 35 फ़ीसदी शहरी पीएम 2.5 पॉल्यूशन को व्हीकल प्रदूषण के रूप में रिकॉर्ड किया गया है। 

इस रिपोर्ट में बताया गया है कि नई दिल्ली में 2021 में पीएम 2.5 सांद्रता में 14.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। पीएम 2.5, 2020 में 84 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर से बढ़कर 96.4 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर हो गया है। वहीं, रिपोर्ट के मुताबिक, भारत का वार्षिक पीएम 2.5 औसत 2019 में मापी गई सांद्रता पर वापस आ गया है। 

इस रिपोर्ट के मुताबिक,  दुनिया के प्रदूषित शहरों में चौथे नंबर पर तजाकिस्तान का दुशांबे,पांचवें पर ओमान का मस्कट, छठे पर नेपाल का काठमांडू,  सातवें पर बहरीन का मनामा, आठवें पर इराक का बगदाद नौंवें पर किर्गिस्तान का बिसकेक और दसवें पर उज़्बेकिस्तान का ताशकंद शहर है।  वहीं, प्रदूषण के मामले में पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद 11वें नंबर पर है। रिपोर्ट के मुताबिक, पाक की राजधानी नई दिल्ली से भी ज्यादा स्वच्छ है।

ग्रीनपीस इंडिया के कैंपेन मैनेजर अविनाश चंचल ने आईक्यूएयर के हालिया आंकड़ों पर टिप्पणी करते हुए कहा कि यह रिपोर्ट सरकारों और नगर निगमों के लिए एक चेतावनी है। उन्होंने कहा कि यह एक बार फिर उजागर कर रहा है कि लोग खतरनाक रूप से प्रदूषित हवा में सांस ले रहे हैं। भारत में वाहनों की वार्षिक बिक्री बढ़ने की उम्मीद के साथ ही  वायु गुणवत्ता भी प्रभावित हो रही है।  इसके लिए अगर समय पर सुधारात्मक उपाय नहीं किए गए तो स्थिति और भी जटिल हो सकती है। 

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