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हर्बल कलर के नाम पर भी मिल रहा धोखा

स्वतंत्रदेश,लखनऊ:होली को लेकर बाजारों में रंग, अबीर और गुलाल बिकने लगे हैं। होली खेलते वक्त सावधानी भी जरूरी है वरना यही रंग आपको नुकसान पहुंचा सकते हैं।केमिकल युक्त रंग न केवल त्वचा पर प्रतिकूल प्रभाव डालते हैं बल्कि कई तरह की गंभीर एलर्जी का कारण भी बनते हैं। खतरनाक बात यह है कि बाजार में हर्बल रंग के नाम से बेचे जाने वाले कई रंग असल में केमिकल से बने होते है। यही कारण है कि रंग खरीदते समय सतर्कता बेहद जरुरी है।

हर्बल और केमिकल रंग के फर्क को समझे ।

केमिकल रंग दे सकते है यह प्रभाव

  • त्वचा में जलन और खुजली
  • स्किन एलर्जी और इंफेक्शन
  • आंखों में लगने से जलन की समस्या
  • एक्जिमा और कैंसर जैसी बीमारी का खतरा
  • अस्थमा और फेफड़ों से जुड़ी समस्या का खतरा

चर्म रोग विशेषज्ञ डॉ. अलीजा जैदी ने बताया कि होली में बिकने वाले सिंथेटिक रंगों के निर्माण में इस्तेमाल किए जाने वाले मैलाकाइट, कार्सिनोजेनिक, रोडामाइन जैसे विषाक्त केमिकल बेहद हानिकारक होते हैं। इन रंगों के इस्तेमाल से कई गंभीर समस्याएं हो सकती हैं। हानिकारक केमिकल से बनने वाले रंग मार्केट में आसानी से मिल जाते हैं, इन्हें बनाने में समय भी कम लगता है और हर्बल रंगों की तुलना में ये सस्ते भी होते हैं।

इसलिए अधिकतर लोग इन रंगों को खरीद लेते हैं। त्वचा के लिए हानिकारक माने जाने वाले इन रंगों के आंख में जाने से बड़ी समस्या हो सकती है। चर्म रोग विशेषज्ञ डॉ. अलीजा जैदी के मुताबिक पारा, सल्फेट, लेड ऑक्साइड, तांबा सल्फेट और मैलाकाइट जैसे कई अन्य तरह के हानिकारक केमिकल का इस्तेमाल कर इन रंगों को बनाया जाता है।

हर्बल गुलाल की पहचान
यह बहुत हल्का और चिकना है इस गुलाल में चमक नहीं होती है इसमें सुगंध और स्वच्छता होती है। इसका रंग गाढ़ा होता है।

साधारण गुलाल
यह देखने में मैला होता है इसमें हानिकारक रंग मिले होते हैं इसमें रेत व बालू की मात्रा होती है। यह गुलाल भारी होता है।

रंगों का असर
हरा
– कॉपर सल्फेट की मिलावट से आंखों में जलन एलर्जी सूजन और अंधापन हो सकता है।

नीला– प्राश्यिन ब्लू की मिलावट होती है, जिससे स्किन कैंसर हो सकता है।

सिल्वर– एल्मुनियम ब्रोमाइट की मिलावट से त्वचा पर छाले पड़ सकते हैं।

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