पहले हजम हो जाता था रुपया
स्वतंत्रदेश,लखनऊ:मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को प्रदेश में संगठित और असंगठित क्षेत्र के डेढ़ करोड़ कामगारों को बड़ी राहत प्रदान की। लोकभवन में मुख्यमंत्री ने आज एक कार्यक्रम में श्रमिकों के बैंक खातों में भरण-पोषण भत्ते के रूप में हजार-हजार 1000 रुपये की धनराशि आनलाइन ट्रांसफर की। श्रमिकों ने इसके लिए अपना रजिस्ट्रेशन करा रखा था और वह इसका इंतजार कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर सात कामगारों को 1000 रुपये के चेक भी भेंट किए।पहले गरीबों का यही पैसा उन नेताओं के घरों में भरा जाता था, जिसे आज जेसीबी लगाकर नोटों की गड्डियों के रूप में निकाला जा रहा है। उन्होंने कहा कि अब तो लोग इसे स्वीकार भी कर रहे हैं क्योंकि चोर की दाढ़ी में तिनका है।

2017 से पहले श्रमिक शोषण का शिकार होता था, उसे शासन की किसी भी योजना का लाभ नहीं मिलता था। उसके पास न राशन कार्ड होता था, ना कोई ठिकाना होता था। किसी तरह मकान बन गया तो बिजली का कनेक्शन नहीं होता था। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के निर्देश पर हमारी सरकार ने उनसे किया गया वादा निभाया है। मैं आज के इस कार्यक्रम में प्रदेश के अपने संगठित एवं असंगठित क्षेत्र के सभी श्रमिकों का हृदय से अभिनंदन करता हूं। पहली बार श्रमिकों के बारे में चिंता करने वाली सरकार आई है। सरकार निरंतर आपके हितों को संरक्षण देने के लिए कार्य कर रही है।