उत्तर प्रदेशराज्य

नहीं आई एम्बुलेंस,हुई मौत

स्वतंत्रदेश,लखनऊ :लखनऊ में समय से एम्बुलेंस न मिलने के कारण, मरीज जान गवां रहे है। बुधवार को एक बार फिर ऐसा ही एक मामला सामने आया, जहां समय से एम्बुलेंस ना आने पर पति दर्द से कराह रही पत्नी को ऑटो से लेकर अस्पताल पहुंचा। इस बीच रास्ते मे मिले जाम व एम्बुलेंस की इंतजारी में हुई देरी से रास्ते मे ही महिला की मौत हो गई। अस्पताल पहुंचने पर डॉक्टरों ने ब्रॉट डेड करार दे दिया। हालांकि अस्पताल के कर्मचारियों के मानवीय संवेदना का परिचय देते हुए पत्नी के शव को घर तक ले जाने में गरीब पति की मदद की और साथ मे रही 4 मासूम बेटियों के लिए कुछ खाने पीने का सामान भी मुहैया कराया।

लखनऊ में समय से एम्बुलेंस न मिलने के कारण, गाजीपुर की महिला की मौत हो गई, अस्पताल में महिला की बिलखती मासूम बेटियां - Dainik Bhaskar
लखनऊ में समय से एम्बुलेंस न मिलने के कारण, गाजीपुर की महिला की मौत हो गई, अस्पताल में महिला की बिलखती मासूम बेटियां

दरअसल गाजीपुर निवासी पुनीत गरीबी से तंग आकर परिवार समेत लुधियाना में रहकर मेहनत मजदूरी करता था। इस बीच अपने परिवार के साथ लुधियाना से गाजीपुर अपने गांव जा रहे था। पुनीत का कहना है कि गांव जाते वक्त ट्रेन में अचानक उनकी पत्नी सावित्री की सुबह तबियत खराब हो गई। उसे सीने और पेट में असहनीय दर्द होने लगा। इस बीच 4 बेटियों के साथ रहे पुनीत बिमार पत्नी को लेकर चारबाग स्टेशन उतरे। स्टेशन के बाहर आते ही पत्नी अचानक गश खाकर रोड पर गिर गई। यह देख बच्चें बिलखने लगे। पति उसे ले जाने के लिए एम्बुलेंस को फोन किया। 10 मिनट में आने की बात कहे कर वो 30 मिनट तक इन्तजार करने के बाद भी नही पहुंची। ऐसे में राहगीरों ने टेंपो से मरीज को लेकर सिविल अस्पताल ले जाने को कहां। चारबाग से आटो निकलते ही जाम में फंस गया। सिविल अस्पताल तक पहुंचते-पहुंचते एक घंटे से ज्यादा बीत गया। इस दौरान महिला मरीज ने आटो में ही दम तोड़ दिया। अस्पताल की इमरजेंसी में पहुंचकर डॉक्टरों ने जांच पड़ताल किया तो शरीर में हरकत न दिखी। डॉक्टरों ने करीब दस मिनट तक सीपीआर किया मगर उसकी जान नहीं बचाई जा सकी।

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