पीएम नरेद्र मोदी के जन्मदिन पर प्रदेश के विश्वविद्यालय देंगे 7100 पीपल के वृक्षों का तोहफा
17 सितम्बर 2019 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 70 वर्ष हो जाएंगे। इस दिन वे अपना 71वां जन्मदिन मनाएंगे। उनके इस 71वें जन्मदिन पर दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय एवं मदन मोहन मालवीय प्राविधिक विश्वविद्यालय समेत प्रदेश के 30 शैक्षणिक संस्थानों में 7100 पीपल के पौधे लगा कर उन्हें तोहफा दिया जाएगा।
दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के परिसर में पीपल के 21 और मदन मोहन मालवीय प्राविधिक विश्वविद्यालय के परिसर में पीपल के 251 पौधे लगाए जाएंगे। विश्वविद्यालयों को पीपल के पौधे उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग को सौंपी गई है। डीएफओ अविनाश कुमार कहना है कि उनकी पौधशालाओं में पर्याप्त मात्रा में पीपल के पौधे उपलब्ध हैं। उन्होंने कहा कि पर्यावरण की दृष्टि से यह काफी अहम निर्णय है।
प्रदेश के 30 शैक्षणिक संस्थानों में कल लगेंगे
फिलहाल चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रोद्योगिक विश्वविद्यालय कानपुर के परिसर में 1100, जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय बलिया में 800, बांदा कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, महात्मा ज्योतिबा फूले रुहेलखण्ड विश्वविद्यालय, वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय, महात्मा गांधी काशी विद्यालय पीठ वाराणसी एवं डॉ भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय में क्रमश: 500-500 पौधे लगाए जाएंगे। इसी तरह कुल 30 विश्वविद्यालयों एवं शैक्षणिक संस्थानों को 7100 पीपल के पौधे लगाने का लक्ष्य सौंपा गया है।
इसलिए खास है पीपल का
प्रख्यात पर्यावरणविद् माइक हरिगोविंद पाण्डेय ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई वाले राज्य से उनके जन्मदिन पर इससे बेहतर तोहफा नहीं हो सकता। अधिकतर पेड़ दिन में आक्सीजन छोड़ते और कार्बनडाइआक्साईड ग्रहण करते हैं। रात को सभी वृक्ष कार्बन-डाइआक्साईड छोड़ते एवं आक्सीजन लेते हैं। इन्हीं कारणों से रात को वृक्ष के नीचे सोने से मना किया जाता है। लेकिन पीपल एकमात्र ऐसा वृक्ष है जो 24 घंटे आक्सीजन ही छोड़ता है। इसलिए यह रोगों में लाभ प्रदान करता है। सनातन हिन्दू धर्म में पीपल वृक्ष का बहुत महत्व है। इसे विश्व वृक्ष, चैत्य वृक्ष और वासुदेव भी कहा जाता है। मान्यता है कि पीपल के पत्ते पत्ते में देवताओं खास कर विष्णु भगवान का वास होता है। श्रीमद्भगवदगीता में भगवान श्री कृष्ण ने कहा है ‘अश्वत्थ: सर्ववृक्षाणाम, मूलतो ब्रहमरूपाय मध्यतो विष्णुरूपिणे, अग्रत: शिवरूपाय अश्वत्थाय नमो नम:’ यानी मैं वृक्षों में पीपल हूं। पीपल के मूल में ब्रह्मा जी, मध्य में विष्णु जी और अग्र भाग में भगवान शिव जी साक्षात रूप से विराजित हैं। इन्ही कारणों से पीपल को देवता मान कर पूजन किया जाता है।