अभिजीत मुहूर्त में कलश स्थापना विशेष फलदायी
स्वतंत्रदेश,लखनऊ :मां दुर्गा की उपासना का पावन पर्व नवरात्र गुरुवार से शुरू हो रहा है। मां के नौ रूपों की पूजा उपासना कर भक्त व्रत रखेंगे। पुराणों के अनुसार मां दुर्गा और महिषासुर के बीच नौ दिनों तक युद्ध चला था और दसवें दिन माता रानी ने राक्षस का वध किया था। तभी से नवरात्र मनाया जाता है।
इस बार घटस्थापना के दिन चित्रा नक्षत्र और विष कुंभ जैसे शुभ संयोग बन रहे हैं। इस दिन कन्या राशि में चतुर्ग्रही योग का निर्माण भी हो रहा है। घट स्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 6.17 से 7.07 बजे और अभिजीत मुहूर्त 11.51 दोपहर 12.38 बजे तक बना रहेगा। सूरजकुंड स्थित बाबा मनोहर नाथ मंदिर की महामंडलेश्वर नीलिमानंद महाराज का कहना है कि नवरात्र के पहले दिन चित्रा वैधृति योग का निषेध होने से कलश स्थापना अभिजीत मुहूर्त में करना विशेष फलदायी होगा। इस मुहूर्त में जो भक्त माता का आह्वान नहीं कर पाए वह दोपहर 12.14 से 1.42 बजे तक लाभ की चौघडिय़ा में और दोपहर 1.42 से शाम 3.09 बजे अमृत की चौघडिय़ा में कलश पूजन कर सकते हैं।
तृतीया और चतुर्थी एक साथ
इस साल नवरात्र 7 अक्टूबर से शुरू होकर 14 अक्टूबर तक रहेंगे। इस बार तृतीया और चतुर्थी तिथि एक साथ पडऩे की वजह से नवरात्र आठ दिन के हैं। 15 अक्टूबर को दशहरा मनाया जाएगा।