राजनीति

सामने आई ओवैसी और अखिलेश की प्रतिक्रिया

स्वतंत्रदेश ,लखनऊ :अल्पसंख्यक समुदाय के रिक्शा चालक के साथ हुई मारपीट के मामले की आंच अब लखनऊ की सियासत तक पहुंच गई है। जहां एक ओर इंटरनेट मीडिया पर तरह-तरह बयान आ रहे हैं वहीं अब इस पर सियासत भी शुरू हो गई है।  असदुद्दीन ओवैसी के बाद अब समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी इस घटना की निंदा की है। बताते चलें कि उत्तर प्रदेश अल्पसंख्यक आयोग ने भी कमिश्नरेट पुलिस से जवाब तलब किया है।

कच्ची बस्ती निवासी एक महिला ने पड़ोसी सद्दाम सलमान व मुकुल पर बेटी से छेड़छाड़ और 20 हजार रुपये का लालच देकर मतांतरण कराने का आरोप लगाया था।

बर्रा आठ की कच्ची बस्ती निवासी एक महिला ने पड़ोसी सद्दाम, सलमान व मुकुल पर बेटी से छेड़छाड़ और 20 हजार रुपये का लालच देकर मतांतरण कराने का आरोप लगाया था। पुलिस ने 31 जुलाई को मुकदमा दर्ज किया, लेकिन मतांतरण की धारा हटा दी थी। विरोध में बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने बुधवार को कच्ची बस्ती में हंगामा किया था। इसी बीच उधर से गुजर रहे दूसरे पक्ष का अफसर सात साल की बच्ची को लेकर उधर से गुजरा तो हंगामा कर रहे कार्यकर्ताओं ने उसे खींच लिया और मारपीट करते हुए पुलिस को सौंप दिया था। हालांकि पुलिस ने बाद में उसे छोड़ दिया और वायरल वीडियो के आधार पर मारपीट करने वालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था।

अखिलेश ने घटना काे बताया शर्मनाक: समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कानपुर की घटना के बहाने भाजपा पर निशाना साधा है। अखिलेश ने कहा कि कानपुर के बर्रा-आठ में भाजपा के उकसावे पर निर्दोष युवक की सरेआम पिटाई की घटना लोकतंत्र के लिए शर्मनाक है।

ओवैसी ने कही यह बात: असदुद्दीन ओवैसी ने इस घटना पर ट्वीट कर कहा कि कट्टरपंथी हिंसक अपराधियों को पता है कि उन्हें कुछ नहीं होगा। इस तरह के क्रूर अपराधों के लिए उन्हें सामाजिक बहिष्कार का सामना करने की भी संभावना नहीं है। उन्होंने पुलिस की मौजूदगी में एक मुस्लिम व्यक्ति को पीटा, लेकिन पुलिस ने किसी को गिरफ्तार नहीं किया। पता नहीं बच्ची इस सदमे से कैसे उबर पाएगी।

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