उत्तर प्रदेशराज्य
आरसी पाने के लिए भटक रहे 15 हजार आवेदक
स्वतंत्रदेश,लखनऊ:तकरीबन 15,000 आवेदक आरसी लेने की कतार में हैं। लेकिन पंजीयन प्रमाण पत्र उपलब्ध नहीं हैं। रोज की सबसे अहम जरूरत वाला यह आरसी कागज पिछले एक दो दिन से नहीं लगभग पंद्रह दिन से संभागीय परिवहन कार्यालय से गायब है। वाहन स्वामी एजेंसी तो कभी आरटीओ कार्यालय के चक्कर लगा रहे हैं। अधिकारी कागजी घोड़े दौड़ा छपे आरसी प्रपत्र मंगाए जाने का दावा कर रहे हैं। जिले में औसतन हर माह एजेंसियों से करीब पंद्रह हजार से अधिक नए वाहन खरीदे जाते हैं। इसके अलावा सात से आठ हजार पंजीयन प्रमाण पत्र संशोधन के लिए आते हैं।
आरसी एक नजर में
- हर माह खपत करीब 22,000 से 23,000 के बीच
- हर माह खरीदी जाती हैं 15,000 गाड़ियां
- 7,000 से 8,000 पुरानी आरसी से संबंधित कार्य हर माह आते हैं
- यह पहला मौका नहीं है। जब आमजन से जुड़ी दिक्कतों को उच्चाधिकारी ध्यान नहीं दे रहे हैं। कई बार की लिखापढ़ी के बाद भी जिम्मेदार गंभीर नहीं होते हैं। आए दिन होने वाली किल्लत से बचने के लिए परिवहन कर्मी भी रास्ता बनाए रखते हैं। कुछ आरसी दबाए रहते हैं। आलमारी में बंद यह आरसी ‘जुगाड़’ होने पर या फिर वीआईपी की डिमांड पर मिल जाती है। विभागीय कर्मी होने के कारण चूंकि उन्हें यह पता होता है कि कब तक आरसी के प्रपत्र छपकर आएंगे और कब तक किल्लत रहने वाली है इसे देखते हुए वह अपने हिसाब से पंजीयन प्रमाण धीरे-धीरे निकालते रहते हैं। तमाम दावों के बाद भी परिवहन आयुक्त कार्यालय इस व्यवस्था में सुधार नहीं कर पा रहा है। लोग धक्के खाने को मजबूर रहते हैं।