उत्तर प्रदेशराज्य

गुरु की भूमिका में नजर आए योगी आदित्‍यनाथ

स्वतंत्रदेश,लखनऊ:मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गुरु पूर्णिमा पर गुरु की भूमिका में नजर आए। उन्‍होंने एक गुरु की भांति उपस्थित लोगों को देश और दुनिया के बारे में जानकारी दी। उन्‍होंने कहा कि भारतीय संस्कृति गुरु-शिष्य की परंपरा पांच हजार साल पुरानी है। हम इतने वर्षों से गुरु पूर्णिमा के रूप में इसे मनाते आ रहे हैं। दुनियां के किसी भी सभ्यता और संस्कृति का इतना पुराना लिखित इतिहास ही नहीं है। सिर्फ पांच हजार वर्षों का इतिहास ही नहीं बल्कि उससे भी प्राचीन, भगवान वेदव्यास ने भारत की परंपरा को जो एक नई दिशा दी, उनके प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करने का यह पर्व है। व्यास पूर्णिमा की तिथि गुरु पूर्णिमा के रूप में। हम सब बड़े ही हर्षोल्लासऔर विश्वास के साथ मनाते आए हैं।

                मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गुरु पूर्णिमा पर गुरु की भूमिका में नजर आए।

हम पर्व और त्योहार सामूहिक रूप से नहीं मना पा रहें

मुख्यमंत्री गुरु गोरक्षनाथ मंदिर परिसर स्थित स्मृति भवन सभागार में में शनिवार को गुरु पूर्णिमा उत्सव पर श्रद्धालुओं को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि अपने गुरु परंपरा के प्रति, अपने पूर्वजों के प्रति श्रद्धा व्यक्त करने का एक अवसर हम सबके सामने आता है। हम सब जानते हैं कि पिछले डेढ़ साल से पूरा देश और ​दुनियां त्रासदी का सामना कर रही है। कोरोना की इस महामारी ने इस व्यवस्था को किस तरह प्रभावित किया है, यह किसी से छिपा नहीं है। इस महामारी ने हमारे जीवन के साथ ही हमारी आस्था को भी प्रभावित किया है। हम पर्व और त्योहार सामूहिक रुप से नहीं मना पा रहे हैं। इस दुनियां के अंदर लाखों लोगों को अपनी जान गवानी पड़ी है।

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