पिता ने दिलाया शिक्षा का अधिकार
लखनऊ,स्वतंत्रदेश :पिता माेहनलाल कपड़े का व्यापार करते थे। पढ़ाई को लेकर चाचा राष्ट्रपति रामनाथ काेविंद हमेशा उत्साह बढ़ाते थे। परिवार के साथ आना-जाना लगा रहता है। करीब चार साल पहले राष्ट्रपति भवन में चाचा से मिली थी और एक बार फिर राजभवन में परिवार के साथ डिनर में शामिल होने का मौका मिल रहा है। चाचा का आपरेशन भी हुआ था, ऐसे में मिलने को लेकर चाची सविता से बात हुई थी। कुछ ऐसे ही पारिवारिक बातों को साझा करती राजाजीपुरम में रहने वाली राष्ट्रपति की सगी भतीजी बृज किशोरी चाचा के साथ बिताए पुराने दिनों को याद कर उसमे खो जाती हैं। पति राजकिशोर वर्मा, बेटी आरुषि, बेटे गौरव और सौरभ के साथ वह देर शाम राजभवन में डिनर करेंगी।
बृज किशोरी बताती हैं कि चाचा हमेशा लड़कियों की पढ़ाई को लेकर संजिदा रहते थे। कोर्ट से वकालत करने के बाद वापस घर आते थे तो शाम को सबसे पढ़ाई के बारे में पूछना कभी नहीं भूलते थे। यही कारण है कि चाचा पांच भाइयों में सबसे छोटे होने के बावजूद शिक्षा को लेकर सदैव बड़प्पन दिखाते थे। उस समय तब लड़कियों को स्कूल भेजने को लोग तैयार नहीं होते थे राष्ट्रपति चाचा स्कूल के लिए प्रेरित करते थे।
बृज किशोरी बताती हैं कि मेरे पिता मोहन लाल सबसे बड़े थे। कपड़े का व्यवसाय करके परिवार को संभालते थे। राष्ट्रपति चाचा हमेश मेरे पिता को बड़े भाई नहीं पिता का दर्जा देते थे। मेरे पिता जी से छोटे शिव बालक, इन दोनों लोगों का निधन हो गया है। राजस्थान के गुना में तीसरे नंबर के चाचा राम स्वरूप सीपीडब्लूडी से डिविजनल एकाउंटेट पद से सेवानिवृत्त हैं और वहीं रहते हैं। चौथे नंबर के चाचा प्यारेलाल कानपुर देहात के ओमनगर में कपड़े का कारोबार करते हैं।
एयर इंडिया में नौकरी करते हैं राष्ट्रपति के बच्चेः बृज किशोरी बताती हैं कि चाचा के दो बच्चे हैं। बेटा प्रशांत व बेटी स्वाति दोनों ही एयर इंडिया में नौकरी करते हैं। दोनों से बात होती रहती है। सुरक्षा कारणों से उनके बारे में हम लोग ज्यादा बात नहीं करते हैं। मेरे बच्चों से हर दिन बात होती रहती है। बच्चे हमेशा एक दूसरे की तारीफ किया करते हैं।