अच्छे बैक्टीरिया ने मार डाले बुरे कीटाणु
लखनऊ,स्वतंत्रदेश :रामगढ़ताल, राप्ती और रोहिन नदियों में अब नालों का गंदा पानी नहीं गिर रहा है। नगर निगम की ओर से रामगढ़ताल और दोनों नदियों में गिर रहे 23 नालों के गंदे पानी को साफ करने की विधि कारगर साबित हुई है। गंदे पानी को बायोरेमेडिएशन विधि से नालों में साफ करने के शानदार परिणाम आए हैं।
शहर के 23 नालों में से 18 रामगढ़ताल, तीन राप्ती और दो रोहिन नदियों में सीधे गिरते हैं। नालों का पानी सीधे गिरने से रामगढ़ताल और नदियों का पानी भी गंदा हो रहा था। दो साल पहले नगर निगम प्रशासन ने नेशनल एन्वायरमेंटल इंजीनियरिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट (नीरी) के साथ समझौता कर नालों में तैरने वाले पौधे लगाने का निर्णय लिया था। साथ ही तकिया घाट पर बड़ा गड्ढा बनाकर पानी को शोधित करने की बात हुई थी। नीरी की टीम ने काम भी शुरू कर दिया था। हालांकि राप्ती में बाढ़ को देखते हुए यह व्यवस्था आगे नहीं बढ़ सकी।
18 नालों का पानी जा रहा रामगढ़ताल में
तीन नालों का पानी जा रहा है राप्ती नदी में
टोटल सस्पेंडेड सालिड 100 से कम 57.9 176-267
केमिकल आक्सीजन डिमांड 150 से कम 84 297-398
बायोकेमिकल आक्सीजन डिमांड 30 से कम 23.5 124-174
नोट- रिपोर्ट प्रति ग्राम प्रति लीटर। पानी की गंध भी ठीक हुई है।
नालों में गंदे पानी को बायोरेमेडिएशन विधि से साफ करने के अ’छे परिणाम सामने आए हैं। लखनऊ स्थित प्रयोगशाला में बायोरेमेडिएशन विधि से हुई सफाई के बाद पानी के 23 नमूने भेजे गए थे।
दो नालों का पानी जा रहा है रोहिन नदी में
59 मिलियन लीटर गंदा पानी रोजाना जाता है इन नालों में