उत्तर प्रदेशराज्य

रायबरेली में 10 शिक्षकों की नियुक्ति निरस्त

स्वतंत्रदेश,लखनऊ :उत्तर प्रदेश में 69 हजार शिक्षक भर्ती का मामला एक बार फिर से सुर्खियों पर छा गया है। इस बार चयनित अभ्यर्थियों द्वारा आवेदन के दौरान ऑनलाइन फीडिंग मे फर्जी मार्क्स भरने का खुलासा हुआ है। नियुक्ति मिलने के बाद मामला सामने आया तो विभागीय अफसरों के होश उड़ गए।

               शिक्षकों को तैन ती देने के 4 महीने बाद हरकत में आए बीएसए रायबरेली।

दरअसल, रायबरेली के बेसिक शिक्षा विभाग के 10 शिक्षकों पर फर्जी अंक दिखाकर तैनाती प्राप्त करने का खुलासा विभागीय जांच में हुआ है। प्रकरण तूल पकड़ने लगा तो ऐसे 10 नवनियुक्ति शिक्षकों को नौकरी से हाथ धोना पड़ा।

69000 शिक्षक भर्ती में घालमेल
यूपी के बेसिक शिक्षा विभाग में बड़े पैमाने पर भर्ती होने के कारण सत्यापन में देरी हो रही थी। बाद में प्रदेश सरकार द्वारा शपथपत्र लेकर वेतन देने के निर्देश दिए गए थे। ऐसे में सभी शिक्षकों को वेतन मिलना भी शुरु हुए। अब नियुक्ति निरस्त होने के बाद विभाग ने रिकवरी के आदेश जारी किए है।

तैनाती देने के 4 महीने बाद हरकत में आए बीएसए रायबरेली
रायबरेली के बेसिक शिक्षा अधिकारी आनंद प्रकाश शर्मा ने भास्कर को बताया कि जिले में फरवरी माह में शिक्षक भर्ती के तहत छह सौ से अधिक महिला-पुरुष शिक्षकों की नियुक्ति हुई थी। काउंसिलिंग के दौरान ही कुछ कैंडिडेट्स के मार्क्स ऑनलाइन फीड किए गए अंकों से भिन्न थे। मामले से उच्च अधिकारियों को भी अवगत कराया गया था। हालांकि, चयनित अभ्यर्थियों को मेरिट में नाम आने के आधार पर नियुक्ति पत्र दिया गया। बाद में शासन ने पत्र भेजकर ऐसे सभी नवनियुक्त शिक्षकों की नियुक्ति निरस्त करने के आदेश दिए हैं। विभागीय स्तर पर पड़ताल कराई गई। रायबरेली में अलग-अलग ब्लॉकों में तैनात ऐसे 10 शिक्षक मिले। अब सभी की नियुक्ति को निरस्त कर दिया।

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