उत्तर प्रदेशराज्य

3836 खेतों में नहीं लग सके पंप

स्वतंत्रदेश,लखनऊ :प्रधानमंत्री का जोर सोलर एनर्जी के अधिकाधिक दोहन का है, लेकिन प्रदेश में तस्वीर उलट है। केंद्र व राज्य सरकार भरपूर सब्सिडी दे रही है, किसान भी लाभ पाने को तैयार हैं, लेकिन सोलर पंप उन्हें नहीं मिल पा रहा है। 31 मार्च तक सिर्फ 3969 किसानों को योजना का लाभ मिल सका है, वहीं 3836 किसान सोलर पंप पाने की राह देख रहे हैं। अब सितंबर तक लक्ष्य पूरा करने की तैयारी है। प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान योजना पीएम कुसुम के नाम से किसानों के बीच जानी जाती है।

             प्रधानमंत्री का जोर सोलर एनर्जी के अधिकाधिक दोहन का है लेकिन प्रदेश में तस्वीर उलट है।

2020-21 में प्रदेश में करीब आठ हजार सोलर पंप लगाने का लक्ष्य तय किया गया था। इसके सापेक्ष करीब 7800 किसानों ने सोलर पंप पाने के लिए आवेदन किया। 31 मार्च तक सभी आवेदकों को लाभ देने का निर्देश था लेकिन, कंपनियां पंप नहीं लगा सकीं। पीएम कुसुम योजना के अपर निदेशक कृषि पीयूष कुूमार शर्मा ने बताया कि अब तक 3969 किसानों को लाभ दिया जा चुका है, अन्य आवेदकों के खेतों पर सोलर पंप लगाने के लिए सामग्री उपलब्ध करा दी गई है। 30 सितंबर तक कार्य पूरा करने की तैयारी है।

कृषि विभाग ने दो, तीन, पांच, साढ़े सात व दस हार्स पावर क्षमता के सोलर पंप लगाने के लिए आवेदन मांगा था। प्रदेश में दो से पांच हार्स पावर क्षमता का पंप लगाने की ही मांग है। इसमें शर्त यह है कि किसान के खेत में तय मानक की बोरिंग होनी चाहिए।

किसानों को साठ फीसद का अनुदानः यदि कोई किसान सोलर पंप लगाना चाहता है तो उसे केंद्र व राज्य सरकार 60 फीसद का अनुदान दे रही है यानी 40 प्रतिशत रकम किसान को देनी होगी। दो हार्स पावर का सोलर पंप 74163 रुपये का और पांच हार्स पावर का एक लाख 42 हजार 148 रुपये का है।

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