उत्तर प्रदेशराज्य

सपा-कांग्रेस पर बरसीं स्मृति ईरानी

 स्वतंत्रदेश,लखनऊ:उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 में पांचवें चरण का मतदान रविवार को खत्म हो गया। छठवें-सातवें चरण के लिए सभी पार्टियां जोर-शोर से प्रचार में जुटी हुई हैं। इसी दौरान केंद्रीय महिला कल्याण मंत्री और अमेठी सांसद स्मृति ईरानी ने सपा-कांग्रेस के ‘अद्भुत’ गठबंधन पर बयान देकर माहौल को और गर्म कर दिया है। स्मृति ईरानी ने कहा कि ये कैसा गठबंधन है कि सवाल पूछा गया अखिलेश यादव से जवाब दे रही हैं प्रियंका वाड्रा। केंद्रीय मंत्री ने दोनों पार्टियों पर हमला बोलते हुए आगे कहा कि हमने अखिलेश के बारे में सिर्फ इतना कहा कि अहमदाबाद की आतंकी घटना में लिप्त लोग क्यों साइकिल और हाथ की शरण पाते हैं। उन्होंने आगे दावा करते हुए कहा कि ‘अखिलेश बाबू’ का फोटो उस व्यक्ति के परिजनों के साथ है जिसने अहमदाबाद हमले में कई लोगों की जान ले ली।

कुशीनगर में चुनावी रैली को संबोधित करते हुए स्मृति ईरानी ने सपा और कांग्रेस पर निशाना साधा। 

रविवार को कुशीनगर में चुनावी रैली को संबोधित करते हुए एक के बाद एक लगातार स्मृति ईरानी ने सपा और कांग्रेस पर निशाना साधा। उन्होंने प्रियंका का नाम लेते हुए साफ कहा कि प्रियंका ने उसको कांग्रेस पार्टी का अध्यक्ष बनाया जिसने पाकिस्तान की सेना के सेनापति को गले लगाया और इमरान खान को अपना भाई बताया। अगर गांधी खानदान में हिम्मत है तो मेरी इस बात को झुठला दें। उन्होंने अपने हमले के दौरान ये भी कहा कहा कि महाराष्ट्र में कांग्रेस एक ऐसे आदमी का संरक्षण कर रही है जिसके हाथ दाउद इब्राहिम के साथ मिले हुए हैं। जिसने 1993 में मुंबई में ब्लास्ट कराया गांधी परिवार उसी का संरक्षण कर रहा और इस बात को उनमें इतनी हिम्मत नहीं कि झुठला सकें। केंद्रीय मंत्री ने ये भी कहा कि सत्ता के लिए सपा-कांग्रेस उनसे हाथ मिलाएंगे जो निर्दोष का खून बहाएंगे। ऐसे खूनी हाथ को जनता को त्याग देना चाहिए।कांग्रेस पर वार करते हुए स्मृति ईरानी ने आगे कहा कि ये वो लोग हैं जिन्होंने मोदी जी ने जब संसद में कहा की मंदिर वहीं बनाएंगे तो उनका ही विरोध किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी की नैय्या पूरी तरह से डूब रही है और इस डूबती नैय्या की पतवार ये लोग किसी लड़की को थमा के कहते हैं- लड़की हूं,लड़ सकती हूं। चुनाव आते ही ये चुनावी जीव जनता के बीच नया फार्मूला लेकर आते हैं। कभी जाति के नाम पर, कभी धर्म के नाम पर कभी लिंग के नाम पर।

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