उत्तर प्रदेशराज्य

सोशल मीडिया बना शेयर घोटाले का प्लेटफार्म

स्वतंत्रदेश, लखनऊ:एक हर्षद मेहता ने शेयरों की कीमत फर्जी तरीके से बढ़ाकर हजारों करोड़ का घोटाला कर दिया। आज जालसाजों ने सोशल मीडिया को ही ‘हर्षद मेहता’ बना दिया है। इसके जरिये वे हजारों कंपनियों की कीमत फर्जी टिप्स देकर बढ़ा रहे हैं। कीमत चढ़ते ही सिंडीकेट शेयर बेचकर बाहर निकल जाता है और निवेशक लुट जाते हैं। बाजार नियामक सेबी ने एक साल में 17 शहरों के 47 ठिकानों पर छापा मारकर इस खेल का भंडाफोड़ किया हैै। सोशल मीडिया के मोहपाश में बंधे निवेशकों को फंसाकर लूटने वालों का सिंडीकेट यूपी, दिल्ली, गुजरात, महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल तक फैला है।सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (सेबी) ने घटिया और गुमनाम शेयरों की कीमतें फर्जी तरीके से बढ़ाने वालों के खिलाफ अभियान चलाया है। सेबी के मुताबिक सालभर में 17 शहरों के 47 ठिकानों से चल रहे रैकेट को ध्वस्त किया गया है। दिल्ली, अहमदाबाद, मुंबई, कोलकाता के अलावा नोएडा, कानपुर, लखनऊ और गाजियाबाद में भी रैकेट सक्रिय है। जांच में पता चला कि इन शहरों में चल रहे संस्थान गलत तरीके से लाभ अर्जित करने के लिए धोखाधड़ी की गतिविधियों में शामिल थे। सेबी के मुताबिक सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफार्म को शेयर घोटाले का सबसे मुफीद हथियार बना लिया गया है। कंपनियों के बारे में झूठे और भ्रामक वीडियो अपलोड करके शेयरों की कीमतों और मात्रा में हेरफेर कर बताया गया कि इस कंपनी में पैसा लगाने पर करोड़पति बन जाएंगे। फर्जी बैलेंसशीट दिखाई जाती है। फिर पैसा देकर एक्सपर्ट कमेंट खरीदे जाते हैं। रैकेट ने कुछ नामी चेहरों की आड़ भी ली। इसका असर ये हुआ कि एक-एक चैनल व वीडियो के एक लाख से दस लाख तक सब्सक्राइबर बन गए और इनके जाल में ज्यादातर युवा और नए निवेशक फंस गए।

इस तरह किया जाता है खेल
इन पैनी स्टाक्स यानी छोटे-छोटे शेयरों को खरीदकर मोटा मुनाफा कमाने के लिए ज्यादातर युवा और नए निवेशकों को रैकेट झांसा देता। फिर झांसे में आए निवेशक गुमनाम कंपनियों के शेयर ताबड़तोड़ खरीदते। इससे गुमनाम कंपनियों के शेयरों की कीमत 30 गुना से 50 गुना तक बढ़ गई। नतीजा ये हुआ कि इस खेल के खिलाड़ियों ने तत्काल अपने शेयर बेचकर मोटा मुनाफा कमाया। चूंकि ज्यादातर शेयर उन्हीं के पास थे।ऐसे में बिकवाली होते ही शेयर औंधे मुंह गिर गए और निवेशकों की जेब साफ हो गई। सेबी के मुताबिक पूरे खेल में डिजिटल और टीवी चैनलों पर शेयर एक्सपर्ट्स से सांठगांठ की गई। जिस कंपनी के शेयरों की कीमत उठानी थी, उसे पहले सस्ते में खरीदा गया।

फिर टीवी शो में उस कंपनी के शेयरों की सुनहरी भविष्यवाणी की गई। फिर वे कीमत चढ़ते ही उसके शेयर बेचकर बाहर निकल गए। इसका मुनाफा कारोबारियों, शेयर विशेषज्ञों और सोशल मीडिया चैनलों के बीच साझा किया गया।

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