भू-उपयोग परिवर्तन में स्टांप ड्यूटी समाप्त करने की तैयारी
स्वतंत्रदेश,लखनऊ:ग्रामीण इलाकों में कृषि भूमि का आवासीय, व्यावसायिक और औद्योगिक उपयोग के लिए भू उपयोग परितर्वन कराने पर लगने वाली एक प्रतिशत स्टांप ड्यूटी समाप्त करने की तैयारी है। राजस्व विभाग ने शासन को स्टांप ड्यूटी समाप्त करने का प्रस्ताव भेजा है। कैबिनेट से प्रस्ताव को मंजूरी मिली तो वैश्विक निवेशक सम्मेलन के जरिये यूपी में निवेश करार करने वाले निवेशकों को बड़ी राहत मिलेगी।
प्रदेश सरकार की ओर से निवेशकों को यूनिट स्थापित करने के लिए आवश्यक भूमि उपलब्ध कराने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। उद्यमियों को अपनी औद्योगिक इकाई स्थापित करने के लिए कृषि भूमि का व्यावसायिक उपयोग परिवर्तन कराना पड़ता है। वर्तमान में भूमि का उपयोग परिवर्तन कराने के लिए उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता की धारा 80 के तहत उप जिलाधिकारी कार्यालय में भूमि की कुल सर्किल रेट का एक प्रतिशत पंजीकरण शुल्क (कोर्ट फीस) राजस्व विभाग को देना पड़ता है।
एक प्रतिशत स्टांप ड्यूटी स्टांप अदा करनी पड़ती है। राजस्व विभाग ने भू उपयोग परिवर्तन के लिए एक प्रतिशत स्टांप ड्यूटी को समाप्त करने का प्रस्ताव भेजा है। जल्द ही इस प्रस्ताव को कैबिनेट में पेश किया जाएगा। कैबिनेट से मंजूरी मिलने पर भू उपयोग परिवर्तन के लिए भूमि की कुल सर्किल रेट एक प्रतिशत पंजीकरण शुल्क (कोर्ट फीस) अदा करनी होगी। एक प्रतिशत स्टांप ड्यूटी समाप्त होने से निवेशकों को लाखों रुपये का फायदा होगा।
बैंक कर्ज के लिए आवश्यक है भू उपयोग परिवर्तन
हालांकि यदि निवेशक ग्रामीण इलाकों में कृषि भूमि पर भी यूनिट स्थापित करते हैं तो राजस्व विभाग कोई आपत्ति नहीं करता है। लेकिन उद्यमी को यूनिट स्थापित करने के लिए बैंक से ऋण लेना होता है। बैंक भूमि के व्यावसायिक या औद्योगिक भू उपयोग के बिना ऋण देने में असमर्थता व्यक्त करते हैं। वहीं उद्यमी भी कृषि भूमि का व्यावसायिक या औद्योगिक उपयोग परिवर्तन कराकर बैंक से अधिक से अधिक ऋण लेने का प्रयास करते हैं।