उत्तर प्रदेशराज्य

बारिश से नदियों में बढ़ा जलस्तर

स्वतंत्रेश,लखनऊ : नेपाल में भारी वर्षा और उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में हो रही मध्यम से तेज बारिश को देखते हुए राहत आयुक्त रणवीर प्रसाद ने पूर्वांचल के 16 बाढ़ प्रभावित जिलों को हाई अलर्ट पर रहने का निर्देश जारी किया है।

जिलाधिकारियों को बाढ़ की स्थिति की लगातार निगरानी और प्रबंधन के लिए एडवायजरी जारी की गई है।

नेपाल से आने वाली नदियों के निचले कैचमेंट क्षेत्र में आने वाले पूर्वांचल के इन जिलों में लखीमपुर खीरी, बहराइच, श्रावस्ती, बलरामपुर, सिद्धार्थनगर, महाराजगंज, कुशीनगर, देवरिया, गोरखपुर, गोंडा, बस्ती, संत कबीर नगर, बलिया, बाराबंकी, सीतापुर और मऊ शामिल हैं।

सिंचाई विभाग की दैनिक बुलेटिन के आधार पर वर्तमान में रोहिणी नदी खतरे के जलस्तर से 0.9 मीटर ऊपर बह रही है। वहीं शारदा, घाघरा और राप्ती नदियां भी खतरे के निशान के करीब पहुंच रही हैं। लगातार हो रही बारिश से इन नदियों में जलस्तर बढ़ने की संभावना है।

राहत आयुक्त रणवीर प्रसाद ने महराजगंज और सिद्धार्थनगर जिलों के बाढग़्रस्त क्षेत्रों और वहां किये जा रहे बाढ़ प्रबंधन के काम की रिपोर्ट भी तलब की है। अन्य जिलों से भी बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों और उनमें राहत कार्यों की विस्तृत रिपोर्ट तय प्रारूप पर रोज भेजने के लिए कहा गया है। इन जिलों से कहा गया है कि जलमग्न क्षेत्रों के लोगों को बचाने और उनके लिए शरणालय व भोजन आदि का इंतजाम किया जाए।

बहराइच में घाघरा का जलस्तर स्थिर है। एल्गिन ब्रिज पर घाघरा खतरे के निशान से 44 सेंटीमीटर नीचे बह रही हैं। श्रावस्ती में 18 गांव बाढ़ के पानी से घिरे हैं। नेपाल के पहाड़ों पर बारिश थमने से राप्ती नदी में पानी का आना कम हुआ है। इससे नदी का जलस्तर भी तेजी से घटा है। राप्ती बैराज पर नदी खतरे के निशान से 15 सेंटीमीटर नीचे पहुंच गई है।

बलरामपुर में राप्ती लाल निशान के पास पहुंचने को बेताब है। जलस्तर बढऩे से तटवर्ती गांव के लोगों में बाढ़ की आशंका सताने लगी है। पहाड़ी नालों में उफान आ गया है। गौरा चौराहा-तुलसीपुर मार्ग पर दतरंगवा, भुसैलवा व सिंघवापुर डिप पर पानी का बहाव तेज होने से आवागमन प्रभावित है। गोंडा, बाराबंकी में भी घाघरा खतरे के निशान की ओर बढ़ रही है।

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