उत्तर प्रदेशराज्य

ब्लैक फंगस का नया वार

स्वतंत्रदेश,लखनऊ:ब्लैक फंगस पहले से कम भले ही हुआ है लेकिन, फंगस से ऊपरी जबड़े (मैक्सिला), तालू और ऊपरी दांतों को भी नुकसान होने लगा है। दांतों में मवाद आ रहा है। इस तरह के तीन मामले सामने आए हैं। इनमें से एक मरीज का ऑपरेशन ईएनटी डॉ. पुनीत भार्गव और डॉ. कालरा (मैक्सिलोफेशियल सर्जन) ने किया है। यह पोस्ट कोविड मरीज है। दांतों और जबड़ों में अधिक संक्रमण के कारण मरीज का जबड़ा निकालना पड़ा।

                          ब्लैक फंगस का नया वार सामने आया है।

 

ब्लैक फंगस संक्रमण के सबसे बड़े संकेत हैं। काली पपड़ी का बनना, एक हिस्से में पैरालिसिस, सूजन, लगातार सिरदर्द और बदतर मामलों में जबड़े की हड्डी को नुकसान। अधिक जोखिम उन लोगों को होता है, जो अनियंत्रित मधुमेह के साथ कमजोर इम्यूनिटी की समस्याओं से पीड़ित हैं। स्टेरॉयड्स के गैर-आनुपातिक उपयोग, लंबे समय तक आईसीयू में रहने और अस्वच्छ परिस्थितियों ने कोविड रोगियों के लिए ब्लैक फंगस की रिकवरी को मुश्किल बना दिया है। इसीलिए डॉक्टर ठीक हो रहे संक्रमित रोगियों को पहले छह सप्ताह तक ज्यादा सावधान रहने की हिदायत देते हैं।

इन परेशानियों को न करें नजरअंदाज 
– दांतों के ढीले होने के पीछे चोट और संक्रमण सहित कई कारण हो सकते हैं। अगर कोरोना से उबरने के बाद अव्यवस्थित दांत से पीड़ित हैं तो इसे फौरन डॉक्टर को दिखाना चाहिए।
– मसूड़ों में मवाद या किसी तरह का संक्रमण ब्लैक फंगस का शुरुआती लक्षण हो सकता है। उभरे हुए सफेद धब्बों, मसूड़ों में दर्द की अनदेखी न करें। मसूड़े दांतों से दूर होने लगते हैं।

ब्लैक फंगस के छह मरीज मिले, संख्या हुई 300 पार
ब्लैक फंगस के बुधवार को छह मरीज मिले। पांच मरीजों की छुट्टी हुई है। अब तक 303 मरीज मिल चुके हैं। इनमें 238 की छुट्टी हो चुकी है और 40 सक्रिय केस हैं। 24 मरीजों की मौत हो चुकी हैं। मेडिकल कॉलेज के ब्लैक फंगस वार्ड  में अभी 23 मरीज भर्ती हैं। इनमें से छह मरीज कोविड पॉजिटिव और 17 निगेटिव हैं। इनमे से छह मरीज आईसीयू में हैं।

कोरोना के 16 मरीज मिले, एक की मौत
कोरोना के 16 नए मरीज मिले हैं, जबकि एक व्यक्ति की मौत हुई है। वहीं, 31 मरीजों की छुट्टी हुई है। सक्रिय केस 245 हैं। इनमें से 56 अस्पतालों में भर्ती हैं, जबकि 98 होम आइसोलेशन में हैं। बाकी 89 मरीज लापता हैं। लापता मरीजों को अगर निकाल दिया जाए तो सक्रिय केसों की संख्या 154 ही रह जाएगी।

 

 

 

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