बेरोजगारों के लिए परिवहन विभाग की अच्छी पहल
स्वतंत्रेश.लखनऊ:प्रदेश के बेरोजगारों को रोजगार देने वाली यह एक अच्छी खबर है। अब सिर्फ गिनी-चुनी संस्थाएं ही नहीं निजी क्षेत्र भी प्रदूषण जांच केंद्र खोल इसे रोजगार का जरिया बना सकेंगे। तय नियमों और शर्तों का पालन करने वाला कोई भी व्यक्ति इसे व्यवसाय के रूप में अपना सकेगा। सचल प्रदूषण केंद्र भी आवेदक खोल सकेगा। मात्र बीस दिन के भीतर आवेदक इसे प्राप्त कर सकेगा। परिवहन विभाग इससे न केवल पर्यावरण संरक्षण की दिशा में उठ रहा एक अच्छा कदम मान रहा है बल्कि बेरोजगारों को इसी के सहारे रोजगार के भी अवसर देने जा रहा है। पोर्टल तैयार हो चुका है। इसी माह के प्रथम पखवारे में प्रणाली अपग्रेड होने के बाद पोर्टल और वेबसाइट आमजन के लिए खोल दी जाएगी। इच्छुक आवेदक प्रदूषण जांच केंद्र लेने के लिए ऑनलाइन अपना आवेदन कर सकेगा।
ये लोग ले सकेंगे प्रदूषण जांच केंद्र
- अब कोई भी व्यक्ति केंद्र लेने के लिए कर सकेगा आवेदन
- परिवहन विभाग द्वारा मान्यता प्राप्त गैराज
- एनजीओ, ट्रस्ट, फर्म, कंपनी प्राइवेट लिमिटेड, पब्लिक लिमिटेड, पार्टनरशिप, प्रोपराइटरशिप
- उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम की कार्यशाला
- अगर कोई व्यक्ति सचल प्रदूषण जांच केंद्र खोलना चाहता है तो उसके पास अपना वाहन होना चाहिए। इसमें प्रदूषण जांच उपकरण फिट होना चाहिए। इसे लेकर वह संभाग के अंर्तगत गांव, ग्रामीण बाजारों, तहसीलों, ब्लॉक और थाना क्षेत्रों समेत कई स्थानों पर वाहनों की जांच कर प्रमाणपत्र जारी कर सकेगा।ये हैं जरूरी शर्तें
- प्रदूषण जांच केद्र खोलने के लिए 5000 रुपया प्रति केंद्र विभाग में जमा करना होगा।
- डीजल और पेट्रोल प्रदूषण जांच केंद्रों को लेना है तो 5000 रुपये का भुगतान उसे और करना होगा यानी दो प्रदूषण केंद्र खोलने की अनुमति के लिए कुल 10,000 रुपया बतौर फीस ऑनलाइन जमा करनी होगी।
- प्रदूषण जांच केंद्र के प्राधिकार की वैधता तीन साल की होगी। उसके बाद केंद्र चलाने वाले को नवीनीकरण कराना होगा।
- इसके लिए उसे पांच हजार रुपये प्रति केंद्र के हिसाब से फीस जमा करनी होगी।
- नवीनीकरण के लिए आवेदन पत्र तय फीस के साथ समाप्त हो रही तिथि से 45 दिन पहले करना होगा। जांच केंद्र खोलने वाले की न्यूनतम अर्हता मैट्रिक-दसवीं के साथ कंप्यूटर चलाने का सामान्य ज्ञान होना आवश्यक
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- पेट्रोल चलित दोपहिया वाहन-50 रुपया
- तिपहिया पेट्रोल, सीएनजी व एलपीजी गाड़ी-70 रुपये
- चार पहिया वाहन, पेट्रोल, सीएनजी, एलपीजी-70 रुपये
- ट्रक व अन्य डीजल वाहन-100 रुपये
मशीनों की ये हो सकती है कीमत : दोनों मशीनों की कीमत (डीजल और पेट्रोल) करीब तीन लाख रुपये।
‘योजना के क्रियान्वयन के लिए साफ्टवेयर में संशोधन कर दिया गया है। ट्रायल हो रहा है। इसी पखवारे से पूरी व्यवस्था ऑनलाइन हो जाएगी। आवेदक बिना कार्यालयों के चक्कर लगाए इसे ऑनलाइन प्राप्त कर सकेंगे