लखनऊ में नहीं बढेंगे इसकी दर
स्वतंत्रदेश,लखनऊ :यह राहत देने वाली खबर है। शहरवासियों को नए वित्तीय वर्ष में हाउस टैक्स के मासिक किराया दर पर जेब और खाली नहीं करनी पड़ेगा। इसी तरह नगर निगम लखनऊ, जलकल विभाग लखनऊ, नहीं बढेंगे हाउस टैक्स और पेयजल की दर भी अधिक झेलना नहीं पड़ेगा। 21 मार्च को नगर निगम और जलकल विभाग का बजट नीतिगत निर्णय लेने कार्यकारिणी समिति के समक्ष पेश होगा। इस बजट में हाउस टैक्स और पानी का दाम (जलमूल्य) में किसी तरह की वृद्धि का प्रस्ताव नहीं है।
अगर हाउस टैक्स (मासिक किराया दर) में वृद्धि की जाती तो इसका असर जलकर और सीवर कर पर भी पड़ता। हाउस टैक्स का साढ़े बारह प्रतिशत जलकर और तीन प्रतिशत सीवर कर पड़ता है। नगर निगम के एक अधिकारी ने बताया कि नए वित्तीय वर्ष में हाउस टैक्स (मासिक किराया दर) में वृद्धि का प्रस्ताव बजट (2021-22) में नहीं रखा गया है। वर्ष 2001 और फिर 2010 में हाउस टैक्स की दर में वृद्धि की गई थी। वैसे हर पांच साल में वृद्धि करने का नियम है लेकिन चुनावी साल होने के कारण नगर निगम दाम वृद्धि कर विरोध नहीं झेलना चाहता है। महापौर और पार्षदों के चुनाव भी दो वर्ष बाद होने हैं, ऐसे में नगर निगम के नीतिगत निर्णय लेने वाली कार्यकारिणी समिति और सदन में दाम वृद्धि के प्रस्ताव को पास कराना भी आसान नहीं था और पार्षदों का विरोध झेलना पड़ सकता था
जलकल महकमे ने वर्ष 2021-22 के बजट को फाइनल कर दिया है। जलकल के महाप्रबंधक एसके वर्मा का कहना है कि पानी के दाम (जलमूल्य) में किसी तरह की वृद्धि का प्रस्ताव नहीं है। वर्मा का कहना है कि जलकर को जलमूल्य या फिर हाउस टैक्स के वार्षिक किराया दर से लिया जाता है लेकिन लंबे समय से जलमूल्य को नहीं बढ़ाया जा सका, जबकि रसायन से लेकर अन्य खर्च महंगे हो गए हैं। शहर में जलकल की तरफ से आने वाले बिल की गणना हाउस टैक्स के (मासिक किराया दर) के आधार पर टेरिफ की श्रेणी के अनुसार न्यूनतम जल मूल्य या 12.5 प्रतिशत की दर से, जलकर जो भी अधिक हो के हिसाब से होती है। जलमूल्य वर्ष 2001 में अंतिम बार बढ़ा था।