लाखों वर्ग मीटर जमीन पर दशकों से है कब्जा
स्वतंत्रदेश,लखनऊ :लखनऊ विकास प्राधिकरण (लविप्रा) नजूल की जमीनों से कब्जा वापस लेने के लिए सर्वे करा रहा है। राजधानी में कई लाख वर्ग फिट जमीन अलग-अलग क्षेत्रों में पड़ी है। 28 फरवरी तक समग्र रिपोर्ट तैयार होते ही कार्रवाई मार्च 2021 से शुरू कर दी जाएगी। इसके बाद इन जमीनों पर क्या निर्णय होना है, उस पर काम किया जाएगा। बता दें कि शासन ने नजूल की जमीनों के नवीनीकरण पर जून 2020 से रोक लगा रखी है। ऐसे में 467 लोगों के पट्टे खत्म होने की पूरी सूची तैयार की गई है। इनसे अभियान चलाकर जमीन नजूल की वापस ली जाएगी।
नजूल अधिकारी आनंद कुमार सिंह ने बताया कि नजूल की जमीनों पर पट्टा किसी का दस साल के लिए था तो किसी का पचास साल के लिए। वैसे अधिकतम नजूल की जमीनों के पट्टे तीस साल के थे। अब ऐसे लोगों को स्वत: नजूल की भूमि खाली करने का नोटिस दिया जा रहा है। इनमें कई खाली करने को तैयार नहीं है। पुलिस प्रशासन की मदद से उसे मुक्त कराने की योजना है। यह नजूल की जमीनें गोलागंज, गनेशगंज, अलीगंज, अस्तबल चारबाग,, टीजी सेंट्रल स्कीम, अहसदगंज, अहाता असद खन्दारी बाजार, अमानीगंज, नगरिया, नरही, फतेहगंज, चाइनागेट, ऐशबाग, जनरैलगंज, कटरा खुद याद खां, तहसीनगंज, वजीरगंज, सुलतानगंज, वैरुनी खंदक, रामगंज, भदेवा, पाटा नाला, हजरतगंज, भदेवा, हैदरगंज कदीम, हुसैनगंज, हैबलक बशीर का पुरवा, हाता गनी खा, चिकमंडी, सिकंदरपुर , छितवापुर, बिरहाना, मसकगंज, मौजा कुतुबपुर, महानगर, मकबूलगंज, बेगमगंज, बोसगंज, बरफखाना, घसिरयारी मंडी सहित कई क्षेत्रों में नजूल की जमीने पड़ी हैं।
अवध जिम खाना की जमीन पर जल्द होगा निर्णय
अवध जिम खाना क्लब कैसरबाग, लखनऊ के नाम आवंटित भूमि की लीज का नवीनीकरण फंसा हुआ है। लविप्रा के मुताबिक वर्ष 1973 में लीज खत्म हो गई थी। उसके बाद से यह मामला लंबित है। नजूल अधिकारी आनंद कुमार सिंह ने बताया कि एक प्रतिनिधिमंडल ने मिलकर ज्ञापन दिया है। मामला न्यायालय में विचाराधीन है। कोर्ट से निर्णय आने के बाद ही कोई फैसला किया जा सकेगा। वर्तमान में शासन ने नजूल की जमीनों का नवीनीकरण पर रोक लगा रखी है।