उत्तर प्रदेशराज्य

यूपी सैनिक स्कूल में बनेगा ये

स्वतंत्रदेश,लखनऊ :देश के पहले सैनिक स्कूल में नया बालिका छात्रावास बेटियों की सहभागिता को बढ़ाने में मदद करेगा। यह देश का पहला सैनिक स्कूल है जिसने सशस्त्र सेनाओं में अफसर बनने का सपना पूरा करने के लिए बेटियों का प्रवेश शुरू किया था। सोमवार को प्रदेश सरकार ने यहां की क्षमता को 450 से बढ़ाकर 900 कैडेट करने और बालिका छात्रावास और एक हजार छात्रों की संख्या वाले प्रेक्षागृह के निर्माण के लिए 15 करोड़ रुपये की धनराशि स्वीकृत की है।

15 करोड़ रुपये मिले हैं देश के पहले सैनिक स्कूल में क्षमता दोगुना व बालिका छात्रावास के निर्माण को। नौ सौ से अधिक सैन्य अफसर देने वाले कैप्टन मनोज पांडेय यूपी सैनिक स्कूल में अप्रैल 2018 में 15 बालिकाओं का कक्षा नौ में पहली बार प्रवेश शुरू हुआ था।

देश को नौ सौ से अधिक सैन्य अफसर देने वाले कैप्टन मनोज पांडेय यूपी सैनिक स्कूल में अप्रैल 2018 में 15 बालिकाओं का कक्षा नौ में पहली बार प्रवेश किया गया था। सन 1960 में देश के इस पहले सैनिक स्कूल की स्थापना तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ. संपूर्णानंद ने किसान, मजदूर के बच्चों को सेना में अफसर बनाने की तैयारी कराने के उद्देश्य से किया था। यहां बालिकाओं के प्रवेश शुरू होने के बाद उनके रहने के लिए छात्रावास और खेलकूद मैदान की जरूरत पड़ी। तत्कालीन प्रधानाचार्य कर्नल यूपी सिंह की ओर से शासन को बालिका छात्रावास और खेलकूद मैदान के विकास का प्रस्ताव दिया था।

खेलकूद मैदान के विकास के लिए कुछ माह पहले ही शासन ने 2.93 करोड़ रुपये स्वीकृत कर दिए हैं। जबकि 150 बालिकाओं की क्षमता वाले छात्रावास के निर्माण और वर्तमान क्षमता को दोगुना करने के लिए सोमवार को बजट में 15 करोड़ रुपये का प्रावधान कर दिया गया है। प्रधानाचार्य कर्नल राजेश राघव ने बताया कि छात्रावास पांच मंजिला होगा। उसमें मेस भी शामिल है। अभी कक्षा नौ, 10 और 11 में कुल 45 बालिकाएं शिक्षा प्राप्त कर रही हैं। अप्रैल से शुरू होने शैक्षिक सत्र में 15 और बालिकाएं स्कूल में पढ़ाई शुरू करेंगी। जिसके बाद सैनिक स्कूल में बालिकाओं की संख्या 60 हो जाएगी।

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