मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार को रायसेन जिले के बाढ़ प्रभावित गांवों की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने कहा कि सभी प्रभावित फसलों और संपत्तियों का मूल्यांकन कर उसकी भुगतान किसानों और निवासियों को दिया जाएगा। बता दें कि पिछले दिनों हुई बारिश के कारण कई फसलें बर्बाद हो गई हैं और इस वजह से कई स्थानीय लोगों को भी भारी नुकसान का सामना करना पड़ा है। राज्य सरकार ने शुक्रवार को इन प्रभावित इलाकों का ही दौरा किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रत्येक प्रभावित खेत और घर का ईमानदारी से सर्वेक्षण किया जाएगा। तब प्रभावित फसलों और संपत्तियों का मूल्यांकन कर मूल्य प्रभावित किसानों और निवासियों को दिया जाएगा।
शिवना नदी में डूबा पशुपतिनाथ मंदिर
राज्य में हुई लगातार बारिश में मंदसौर में शिवना नदी में पानी का बहाव ज्यादा होने के बाद नदी का पानी पशुपतिनाथ मंदिर के अंदर तक चल गया था। इस वजह से मंदिर के अंदर स्थापित शिवलिंग भी पानी से आधा डूब गया था। बाढ़ ने राज्य के नौ जिलों के 394 से ज्यादा गांवों में तबाही मचाई दी थी।
राज्य में बाढ़ की स्थिति को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पीएम मोदी से भी बात की थी। उन्होंने राज्य में बाढ़ की स्थिति को देखते हुए उच्च स्तरीय बैठक बुलाकर मामले की समीक्षा भी की थी। बता दें कि इस दौरान एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमों ने डटकर काम किया और लोगों को बचाकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया। इस दौरान छिंदवाड़ा में बाढ़ में फंसे लोगों को हेलीकॉप्टर से एयरलिफ्ट किया गया।
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विदिशा में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया था। इस दौरान मुख्यमंत्री ने देवास, हंडिया, होशंगाबाद, सीहोर, रायसेन जिलों का हवाई सर्वेक्षण किया था। होशंगाबाद में नर्मदा में पानी बढ़ने से एक दर्जन निचली बस्तियों में पानी भर गया था। सात साल बाद सेठानी घाट से पानी शहर की तरफ आ गया। मालाखेड़ी और बांद्राभान क्षेत्र के 48 गांवों और बस्तियों में 10 फीट तक पानी भर गया था।