उत्तर प्रदेशराज्य

 ट्रैक्टर-ट्रॉली और ट्रेलर के रज‍िस्‍ट्रेशन न‍ियमों में बड़े बदलाव

 स्वतंत्रदेश ,लखनऊट्रैक्टर ही नहीं अब उसकी ट्रॉलियों व ट्रेलर का पंजीकरण भी कराना जरूरी होगा। हर ट्रॉली व ट्रेलर पर उसका चार अंकों का अपना पंजीयन नंबर दर्ज होगा। यही नहीं उनपर 17 अंकों का चेसिस नंबर भी दर्ज किया जाएगा। इससे ट्रॉली व टेलर मालिकों का पता लगाना आसान हो जाएगा।बिना मानकों और अवैध रूप से दौड़ रहीं ट्रैक्टर ट्राली व ट्रेलर से होने वाली सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए प्रदेश सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। शासन ने ट्रैक्टर ट्रॉली व ट्रेलर के पंजीयन और निर्माण में सड़क सुरक्षा के मानकों को शामिल करते हुए नई मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी कर दी है।

ट्रेलर के चार मानक हैं तय

एआईएस 112 के मानकों के तहत कृषि कार्य के लिए ट्रेलर के चार मानक तय हैं। इसमें आर-1, आर-2,आर-3 और आर-4 शामिल हैं। आर-2, आर-3 और आर-4 मॉडल का पंजीयन एग्रीकल्चर ट्रेलर के रूप में किया जाएगा। अब किसी भी मॉडल की ट्रॉली में एक एक्सल नहीं होंगी। उनमें दो एक्सल होंगे।मॉडल में टायरों की संख्या चार होगी, आर-4 मॉडल आठ टायर होंगे। इसमें हर एक्सल में चार टायर लगाए जाएंगे। आर-2 मॉडल ट्राली की अधिकतम चौड़ाई दो मीटर होगी, शेष आर-3 और आर-4 मॉडल की अधिकतम चौड़ाई 2.5 मीटर होगी। तीनों ही मॉडल के ट्रेलर की ऊंचाई जमीन से अधिकतम 2.2 मीटर होगी।बॉडी की हुक को छोड़कर आर-2 मॉडल की ट्रॉली की अधिकतम लंबाई चार मीटर, आर-3 मॉडल की अधिकतम लंबाई पांच मीटर और आर-4 मॉडल की अधिकतम लंबाई 6.7 मीटर होगी। आर-2 मॉडल की ट्राली का सकल वाहन भार (जीवीडब्ल्यू) छह टन तक, आर-3 मॉडल का 6 से 9.3 टन तक और आर-4 मॉडल का 10 से 12.56 टन तक होगा। जीवीडब्ल्यू की गणना का मानक 750 किलोग्राम प्रति वर्ग मीटर होगी।

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