नमाज पढ़ने गए वकीलों पर कोर्ट सख्त, न्यायमित्र रखने का दिया निर्देश
स्वतंत्रदेश ,लखनऊलखनऊ स्थित विशेष कोर्ट (एनआईए/एटीएस) ने एक मुकदमे की सुनवाई के दौरान शुक्रवार को कड़े निर्देश देते हुए कहा कि अधिवक्ता न्यायालय का समय बर्बाद न करें। अगर उन्हें जिरह के दौरान नमाज पढ़ने अथवा किसी अन्य धार्मिक कार्य से जाना है तो न्यायमित्र रखें।
न्यायालय ने कहा कि जिरह के समय अधिवक्तागण नमाज पढ़ने चले जाएंगे तो सुनवाई पूरी नहीं हो पाएगी। न्यायालय का कीमती समय बर्बाद न किया जाए। वाद में जिन अभियुक्तों के अधिवक्ता मुस्लिम हैं, उनको न्यायमित्र उपलब्ध कराया जाए। मुस्लिम अधिवक्ता न्यायालय छोड़कर नमाज पढ़ने जाएं तो न्यायमित्र जिरह पूरी करें।कोर्ट ने कहा कि इन वकीलों को यह ध्यान रखना चाहिए कि काम ही पूजा है। कोर्ट में शुक्रवार को एक वाद की सुनवाई के दौरान विशेष न्यायाधीश एनआईए/एटीएस विवेकानंद शरण त्रिपाठी ने बचाव पक्ष के दाखिल प्रार्थना पत्र को खारिज करते हुए यह आदेश दिया। प्रार्थना-पत्र पत्र में अभियुक्त ने इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य को उसे दिलाए जाने की मांग की थी। इस पर विशेष लोक अभियोजक नरेंद्र ने प्रार्थना पत्र का विरोध करते हुए बताया गया कि इलेक्ट्रॉनिक प्रपत्र यूआरएल के ओपन सोर्स पर उपलब्ध है। प्रार्थना-पत्र सिर्फ वाद को विलंब करने के उद्देश्य से दिया गया है।