यूपी में दलित वोटर्स पर पॉलिटिकल दंगल
स्वतंत्रदेश , लखनऊ:यूपी में निकाय चुनाव के जरिए लोकसभा 2024 की रणनीति पर काम शुरू हो चुका है। शनिवार से पूरे प्रदेश में बीजेपी का सम्मेलन संवाद शुरू हो रहा है। इससे पहले गृह मंत्री ने 2 सभाओं को संबोधित करते हुए यह रणनीति तो तय कर दी कि उत्तर प्रदेश में सीएम योगी आदित्यनाथ की सरकार में एक भी दंगा नहीं हुआ है। शुक्रवार को कौशांबी महोत्सव और आजमगढ़ की जनसभा में गृहमंत्री शामिल हुए थे।

80 लोकसभा सीट, 17 अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित
अमित शाह ने कानून व्यवस्था के दावों के साथ प्रदेश की अन्य योजनाओं की उपलब्धियों गिनाते हुए सपा सरकार के गुंडाराज, बसपा सरकार के भ्रष्टाचार और कांग्रेस में राहुल पर हमलावर हुए। फिलहाल 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ही नहीं बसपा, सपा और कांग्रेस भी दलित वोट बैंक के दंगल में कूद पड़ी है।
यूपी में दलितों की आबादी लगभग 21.1 प्रतिशत है। यूपी की 80 लोकसभा सीटों में से 17 सीटें अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं। इनमें से बीजेपी ने 2019 के आम चुनाव में हाथरस सीट समेत 14 सीटों पर जीत हासिल की थी। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने दो और अपना दल ने एक सीट जीती थी।
दलित कनेक्ट : 15 हजार गांव में शिविर लगाए
सबसे पहले सत्ता रूढ़ पार्टी बीजेपी की बात करते है। बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व ने पूरे देश में दलित वोट बैंक को साधने की कवायद के तहत 75 हजार अनुसूचित जाति तथा जनजाति के घरों तक पहुंचने की कवायद में जुटी हुई है। इसके लिए यूपी बीजेपी की इकाई को भी लक्ष्य दिया गया है। दलितों में पैठ बनाकर बीजेपी अगले आम चुनाव में यूपी की 17 आरक्षित संसदीय सीटों पर अपने समीकरण दुरुस्त करना चाहती है।
यूपी में दलित कनेक्ट के अभियान को दलित समुदाय में प्रभावी पैठ बनाने के लिए भाजपा की जोरदार कोशिश के रूप में देखा जा रहा है। यूपी बीजेपी के मुताबिक अभी तक 75 जिलों में 15,000 गांवों में शिविर आयोजित करने के लक्ष्य पहुंचने में पार्टी कामयाब हुई है।
साल 2019 लोकसभा चुनाव के नतीजे बताते हैं कि भाजपा और उसके सहयोगियों ने दलितों के लिए आरक्षित 17 संसदीय सीटों में से 15 पर जीत हासिल की है। बीएसपी ने केवल लालगंज और नगीना जीता था। जिसने सपा के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ा था। उत्तर प्रदेश में भाजपा मिशन 80 सीटों का लक्ष्य लेकर आगे बढ़ रही है।
बीजेपी ने पिछले चुनाव में यूपी मे 64 सीटें हासिल की थी। बाद में दो सीटों रामपुर और आजमगढ़ में उप चुनाव हुआ, जिसमें बीजेपी ने सपा को पटकनी दे दी। इस तरह बीजेपी के पास यूपी में अभी 66 लोकसभा सीटें हैं। लेकिन बीजेपी अगली बार इसे 80 तक पहुंचाना चाहती हैं इसलिए इस अभियान को इस कड़ी से बहुत महत्वपूर्ण माना जा रहा।