कारखानों के संचालन के लिए अहम फैसला
स्वतंत्रदेश, लखनऊ:उत्तर प्रदेश में अब किसी अधिष्ठान या कारखाने को संचालित करने के लिए अब श्रम कानूनों से जुड़े अधिनियमों के तहत अलग-अलग रजिस्ट्रेशन कराने और लाइसेंस हासिल करने और रिटर्न दाखिल करने की जरूरत नहीं होगी। कारखानों का अब एक रजिस्ट्रेशन और एक लाइसेंस होगा। न ही उन्हें विभिन्न श्रम कानूनों के तहत अलग-अलग रजिस्टर रखने की जरूरत होगी।
अब उन्हें 54 की बजाय सिर्फ सात रजिस्टर रखने होंगे। कारखाने और प्रतिष्ठान अपने रिकार्ड इलेक्ट्रानिक फार्म में रख सकेंगे और सूचनाओं का आदान-प्रदान भी इलेक्ट्रानिक विधि से कर सकेंगे। श्रमिकों की सेवा शर्तों में भी एकरूपता होगी।यह सब संभव होगा उत्तर प्रदेश व्यावसायिक सुरक्षा, स्वास्थ्य एवं कार्य-शर्त नियमावली, 2022 के अंतर्गत जिसे मंगलवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में मंजूरी दी गई। श्रम कानूनों में सुधार के उद्देश्य से बनाई गई इस नियमावली के लागू होने पर प्रदेश में पहले से लागू श्रम कानूनों से जुड़ी छह नियमावलियां अतिक्रमित हो जाएंगी।इस नियमावली में ओएसएच कोड के दायरे में आने वाले कारखानों, खतरनाक प्रक्रिया संचालित करने वाले कारखानों, बीड़ी व सिगरेट फैक्ट्रियों और बागान श्रमिकों के स्वास्थ्य, व्यावसायिक सुरक्षा और कार्य की दशाओं और नियोजकों के कर्तव्यों से जुड़े प्राविधान शामिल हैं। यह नियमावली उस तारीख से लागू होगी जिसे केंद्र सरकार गजट में अधिसूचित करेगी।अब उन्हें 54 की बजाय सिर्फ सात रजिस्टर रखने होंगे। कारखाने और प्रतिष्ठान अपने रिकार्ड इलेक्ट्रानिक फार्म में रख सकेंगे और सूचनाओं का आदान-प्रदान भी इलेक्ट्रानिक विधि से कर सकेंगे। श्रमिकों की सेवा शर्तों में भी एकरूपता होगी।यह सब संभव होगा उत्तर प्रदेश व्यावसायिक सुरक्षा, स्वास्थ्य एवं कार्य-शर्त नियमावली, 2022 के अंतर्गत जिसे मंगलवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में मंजूरी दी गई। श्रम कानूनों में सुधार के उद्देश्य से बनाई गई इस नियमावली के लागू होने पर प्रदेश में पहले से लागू श्रम कानूनों से जुड़ी छह नियमावलियां अतिक्रमित हो जाएंगी।