लखनऊ अस्पतालों पर टूटा कोरोना का कहर
सेहत टाइम्स ब्यूरो
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में 24 घंटे के अंदर एक सरकारी और एक गैर सरकारी अस्पताल को कोरोना वायरस के संक्रमण से प्रभावित हो गया है। परिणामस्वरूप राजाजीपुरम स्थित रानी लक्ष्मी बाई संयुक्त चिकित्सालय को तीन दिन के लिए सील कर दिया गया है, यहां भर्ती तीन मरीजों की छुट्टी करते हुए गुरुवार देर रात को ही हॉस्पिटल बंद कर दिया गया। जबकि विवेकानंद हॉस्पिटल को के दो विभागों को सील करते हुए पूरे अस्पताल के सेनेटाइजेशन के निर्देश दिये गये हैं। रानी लक्ष्मीबाई संयुक्त चिकित्सालय में कोरोना वायरस से संक्रमित गर्भवती महिला को भर्ती किया गया था, जबकि विवेकानंद हॉस्पिटल में नरही की रहने वाली गर्भवती महिला का इलाज करते हुए अल्ट्रासाउंड जांच की गयी थी।
महिला का सामान्य मरीजों की तरह भर्ती कर इलाज करने वाले रानी लक्ष्मी बाई संयुक्त चिकित्सालय को गुरुवार देर रात सील कर दिया गया है। भर्ती सभी मरीजों को डिस्चार्ज करते हुये, अगले तीन दिनों तक समस्त चिकित्सकीय सेवाएं बंद रखने के निर्देश जारी कर दिये गये हैं। अगले तीन दिनों तक रोजाना अस्पताल को सैनेटाइज किया जायेगा और अस्पताल के लगभग 125 कर्मियों की जांच कराई जायेंगी। रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद ही अस्पताल में चिकित्सकीय सेवाएं शुरू की जायेंगी। यह निर्णय, संक्रमित मरीज के संपर्कियों की लंबी सूची और पूरे अस्पताल में संक्रमण व्याप्त होने की संभावना के चलते मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ.नरेन्द्र अग्रवाल ने लिया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, राजाजीपुरम स्थित आरएलबी हास्पिटल में भर्ती तीन प्रसूताओं को गुरुवार देर रात डिस्चार्ज करने के बाद अस्पताल सील किया गया है। हालांकि भर्ती मरीजों को डिस्चार्ज करने का कार्य बुधवार व गुरुवार से ही जारी था। सील करने साथ ही अस्पताल की इमरजेंसी सेवाएं भी अगले तीन दिनों के लिये बंद कर दी गईं। सीएमओ डॉ.अग्रवाल ने बताया कि अस्पताल में संक्रमित महिला भर्ती रही है और उसे सामान्य मरीजों की तरह अस्पताल कर्मियों ने व्यवहार किया। अस्पताल कर्मचारियों का पूरे अस्पताल में आवागमन होता है, इसलिये पूरे अस्पताल को सैनेटाइज कराने का निर्णय लिया गया है। तीन दिन तक रोजाना सैनेटाइज किया जायेगा ताकि संक्रमण की समस्त संभावनाएं खत्म हो जायें, क्योंकि अस्पताल में गंभीर मरीजों का इलाज किया जाता है। साथ ही अस्पताल के सभी चिकित्सक और पैरामेडिकल्स का कोरोना टेस्ट कराया जायेगा। रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद ही अस्पताल में ड्यूटी की अनुमति होगी।
इस बारे में अस्पताल के सीएसएस डॉ.अनिल कुमार आर्या ने बताया कि अस्पताल में हाई रिस्क और लो रिस्क वालों की सूची बनाई गई हैं। अस्पताल के 11 लोग क्लोज कॉन्टेक्ट में आये थे, जिन्हें क्वारंटाइन किया गया है। ज्ञात हो कि 2 मई को पारा क्षेत्र में पुलिस को लावारिस हालत में मिली मानसिक विक्षिप्त गर्भवती को, आशा ज्योति केन्द्र से 4 मई को आरएलबी हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। जहां तीन दिन भर्ती रहने के बाद कोरोना जांच की रिपोर्ट पॉजिटिव मिली थी। जिसके बाद से अस्पताल में दहशत व्याप्त है।